ई गवर्नेंस: ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ पोर्टल बना दूसरे राज्यों के लिए मॉडल, उच्च शिक्षा में निगरानी की कमी से सिस्टम बदहाल
- घर तक ऑनलाइन पढ़ाई पहुंचाने में स्कूल शिक्षा विभाग अव्वल, विवि-कॉलेज रहे फिसड्डी
- उच्च शिक्षा में निगरानी की कमी से सिस्टम बदहाल
रायपुर. छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग बच्चों को इंटरनेट के माध्यम से जहां घर-घर तक पढ़ाई के अलावा सूचनाएं और सुविधाएं पहुंचाने में सफल रहा है, वहीं हमारे विश्वविद्यालय और कॉलेज ई गवर्नेंस में फिसड्डी साबित हुए हैं। इसका उदाहरण शिक्षा विभाग का ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ है, जिसकी मदद से कोरोनाकाल में भी स्कूली बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई हुई और इसे देश का सबसे अच्छा पोर्टल माना गया।
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ई-गवर्नेंस पर किए गए प्रयोगों का प्रचार-प्रसार देश भर में इतना हुआ, कि पड़ोसी राज्यों ने मॉडल स्टडी करने के लिए भ्रमण किया और इसे लागू करने की बात कही।
मानीटरिंग जरूरी
स्कूल शिक्षा में ई-गवर्नेस की मॉनीटरिंग जिम्मेदारों ने अच्छी से की, लेकिन विश्वविद्यालय-महाविद्यालयों में इसका अभाव रहा। इससे कोरोना काल में उच्च शिक्षा विभाग के छात्रों की पढ़ाई मजाक बनकर रह गई। विद्यार्थियों की शिकायत पर उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय-महाविद्यालयों को नोटिस जारी कर क्लास, उपस्थित छात्र और सिलेबस विवरण की जानकारी ली, लेकिन इसका विस्तृत जवाब आज तक नहीं दिया गया।
एक क्लिक पर शिक्षण सामग्री
छात्रों को पढ़ाई सामग्री मुहैय्या हो सके, इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी विभागीय वेबसाइट के माध्यम से छात्रांे को ऑनलाइन पढ़ाई सामग्री उपलब्ध करा रहे है। छात्र घर में रहकर अच्छी तरह से समझ सके, इसलिए पढ़ाई सामग्री वीडियो और ऑडियों दोनो तरह से उन्हें दिया जा रहा है। जिन योजनाओं की मॉनीटरिंग उच्च स्तर के अधिकारी सीधे कर रहे है, वे ही अच्छा परिणाम दे रही है।
ग्रामीण इलाकों में परेशानी
प्रदेश में शहरी इलाकों में ऑनलाइन पढ़ाई और योजनाओं का रेकॉर्ड अच्छा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में छात्रों और पालकों दोनो को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। जिन इलाकों में नेटवर्क की समस्या है, वहां योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। प्रदेश के 80 प्रतिशत स्कूली छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से शिक्षित हो रहे है, एेसा विभागीय अधिकारियों का दावा है, लेकिन हकीकत यह है कि ऑनलाइन पढ़ाई का फायदा शहरी इलाके में निवासरत छात्रों को अधिक हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में छात्र इन सब सुविधाओं से वंचित है और मोहल्ला क्लास के भरोसे अपना कैरियर सवार रहे हैं।
पढ़ई तुंहर दुआर एक नजर में
कुल विद्यार्थी पंजीयन- 37 लाख 69 हजार 390
कुल पंजीकृत शिक्षक- 2 लाख 6 हजार 525
वर्चुअल क्लास- 46 हजार 868
अपलोड असाइनमेंट- 19 हजार 549
ऑनलाइन क्लास- 9 लाख 75 हजार 161
अपलोड वीडियो- 24 हजार 489
लर्निंग शिक्षा सामग्री- 4 हजार 530
जिले के स्कूलों में कितनी ऑनलाइन क्लास लगी? उसमें कितने छात्र उपस्थित हुए? इन सबकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जा रही है। पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल से शिक्षा लेने वाले सभी छात्रों का रेकॉर्ड अपने आप अपलोड हो जाता है। ऑनलाइन क्लास में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान है।
जीआर चंद्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर
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