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निजी कंपनी से बिजली खरीदने से होगा 400 करोड़ का नुकसान, ऑल इंडिया पावर फेडरेशन ने सीएम को लिखा पत्र

रायपुर। प्रदेश के जांजगीर-चांपा जिले में स्थापित निजी बिजली उत्पादन कंपनी आरकेएम पावरजेन ने राज्य की सरकारी कंपनी पर 378 मेगावाट बिजली लेने के लिए दबाव बना रही है।

बिजली कंपनी के इंजीनियर इसका विरोध कर रहे हैं। ऑल इंडिया पावर फेडरेशन के पदाधिकारियों ने मामले में सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखकर जांच करने की मांग की है।

फेडरेशन के संरक्षक ने पत्र में लिखा है कि निजी कंपनी से यदि बिजली खरीदी जाएगी, तो 400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार बढ़ेगा। इस वजह से आम उपभोक्ताओं को बिजली महंगी मिलेगी और सबकी जेब कटेगी।

2013 में शुरु हुआ था प्लांट
फेडरेशन के संरक्षक पीएन सिंह ने बताया कि आरकेएम के पावर प्लांट को 2013 में चालू हो जाना था, लेकिन उसकी पहली यूनिट 2015 और चौथी यूनिट 2019 में शुरू हो पाई। इससे कंपनी का स्थापना व्यय प्रति मेगावाट 4.62 करोड़ से बढ़कर 9.6 करोड़ रुपये पहुंच गया। इस वजह से आरकेएम की बिजली महंगी है।

सरकारी बिजली वितरण कंपनी वर्तमान में एनटीपीसी से बिजली ले रही है। एनटीपीसी से बिजली 3 रुपए 31 पैसे मिल रही है। राज्य के अपने संयंत्रों से तीन रुपये 34 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। वहीं, आरकेएम की बिजली करीब 5 रुपये में खरीदनी पड़ेगी।

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