रायपुर . कोरोना का कहर अभी खत्म नहीं हुआ कि राजधानी रायपुर में डेंगू और मलेरिया ने पैर पसार लिया है। जानकारी के मुताबिक यहां रायपुर से ही मलेरिया के 10 और डेंगू के 52 से भी अधिक मरीजों की पुष्टि हुई है। लेकिन इतने मरीजों की पुष्टि हो जाने के बाद भी रायपुर नगर निगम की ओर से मच्छरों को ख़त्म करने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। भले ही रायपुर नगर निगम ने बारिश शुरू होने से पहले ही डेंगू और मलेरिया से बचाव हेतु प्लानिंग कर ली थी। लेकिन अमल कुछ भी नहीं होता।
इधर रायपुर में कोरोना संक्रमण के मामले कम हुए हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण कम होने के बाद डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां राजधानी मे अपना कदम रख चुकी हैं। ये संक्रामक बीमारियां रायपुर के लिए बहुत बड़ा अभिशाप बनती जा रही हैं। कोरोना संक्रमण का प्रकोप अभी भी यहाँ जारी है और पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। अब डेंगू और मलेरिया ने भी यहाँ अपना प्रभाव फैलाना शुरू कर दिया।
बता दें कि शहरी इलाका होने के कारण रायपुर शहर के नालियों में और अन्य जगहों पर पानी जमा हो जाता है। ऐसे में जगह-जगह पानी जमा होने के कारण मच्छर पनप रहे हैं। रायपुर में अब तक मलेरिया के 10 और डेंगू के 52 से अधिक मरीजों की पुष्टि हुई है।
जिला अस्पताल के हालात और भी बदतर
नगर निगम रायपुर में डेंगू-मलेरिया का कहर शुरू हो चुका है और सरकार ने जो दावा किया था वो भी फेल होता नजर आ रहा है।यहाँ के अस्पतालों के तो क्या कहने, यहाँ भर्ती मरीज भी यहाँ आकर मच्छरों से परेशान हो जाते हैं। अस्पताल बने तो मरीजों के लिए हैं, पर यह मच्छरों का अड्डा बन चुका है। राजधानी रायपुर के अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के मरीज लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। इन मरीजों ने सरकार के उन दावों को फेल कर दिया है जिसके लिए वह हर साल करोड़ों का विज्ञापन देती है।
बता दें कि सरकार राजधानी रायपुर में मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए लाखों का बजट निकालती है। नगर निगम निगम हर साल लाखों का बजट खर्च करती है। यहाँ रायपुर में निगम के प्रत्येक वार्ड में एंटी लार्वा का छिड़काव, पाउडर और फागिंग करवानी होती है। ये सारी प्रक्रिया उन्हें करनी होती है लेकिन निगम के अधिकारी के क्या कहने! वे तो केवल कागजों और फाइलों में यह छिड़काव कर रहे हैं। ऐसा शहर के लोगों का आरोप है।
शहरवासियों का आरोप
बता दें कि राजधानी रायपुर के 70 वार्डों को निगम की ओर से फॉगिंग मशीनें भी मिली हैं। लेकिन ये मशीने लंबे समय से खराब हैं और खराबी होने की वजह से धूल खा रही हैं । इसका खामियाजा शहरवासियों को उठाना पड़ रहा है। निगम का काम भी कागजों तक ही सीमित रह गया हैं, उनके द्वारा रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नही उठाए जा रहे हैं। जब वार्डों में फागिंग मशीन और एंटी लारवा के छिड़काव को लेकर नगर के लोगों से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके वार्ड में न तो फॉगिंग मशीनें दौड़ रही है और न ही एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है।
क्या कहते हैं अपर आयुक्त
रायपुर वासियों के आरोप लगाने पर जब नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य से सवाल किया गया तो उन्होेंने कहा कि अभी निगम की टीम सभी वार्डों में फॉगिंग कर रही है काम अभी जारी है। शहर में जहां भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं उन बस्तियों में जाकर फॉगिंग और लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है।इसके साथ ही साथ झुग्गी और बस्तियों पर भी फॉगिंग किया जा रहा है। अगर लोगो के कहे अनुसार यदि मशीनों की खराबी की बात है तो अभी तक तो ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है
मशीन को लेकर क्या कहते हैं उप नेता प्रतिपक्ष
उप नेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा नगर निगम रायपुर ने मशीनों के खराब होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भले ही निगम ने सभी 70 वार्डों को एक फॉगिंग मशीनें उपलब्ध कराई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद वे मशीनें भी खराब होनी शुरू हो गई । मशीन बहुत जल्द गरम हो जाती हैं, ऐसे मे उसमें से आग निकलती हैं। और तो और निगम की ओर से इतनी कम मात्रा में पेट्रोल-डीजल दी जाती है कि वे बमुश्किल एक मोहल्ले को पूरा कर पाते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि फॉगिंग मशीन खरीद में गड़बड़ी की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मशीनों को बिना गुणवत्ता के जांच के ही खरीदा गया है और इस वजह से ये मशीनें जल्दी खराब होती जा रही हैं।