महाराष्ट्र के वर्धा जिले की सेलू तालुका के बोरखेड़ी कलां की सात वर्ष की बच्ची पद्माकर गडकरी रात को अपने घर में सो रही थी। रात को लगभग 11 बजे के एक जहरीले कोबरा नाग ने उसकी गर्दन को घेर लिया।
लगभग एक घंटे तक नाग उसके गले से लिपटा रहा और फन निकालकर बैठा रहा। उसी समय बच्ची की आंख खुली तो यह नजारा देख उसकी मुख से चीख निकल गई।
उनके चीखने-चिल्लाने पर पास में सोए उसके माता-पिता की भी नींद खुल गई। और जब सामने का नजारा देखा तो वह बिल्कुल ही हैरान हो गए। आवाज सुनते ही पड़ोस के लोग भी उनके घर पहुंच गए और यह सब देख वह भी घबरा गए और सांप मित्र को बुलाया गया। सांप मित्र ने बताया कि यह कोबरा नाग है। बच्ची जैसे ही हिली, वैसे ही सांप ने काट लिया और वहां से निकलकर दीवान के नीचे चला गया। और बाहर चला गया। जंगल के बीच में ही ये 100 घरों की बस्ती है, इसलिए सांप घर से बाहर कि ओर चला गया।
इधर बच्ची को इलाज के लिए सेवाग्राम हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उसका इलाज शुरू हुआ। इस बारे में डॉक्टरों ने बताया की अभी वह खतरे से बाहर है। सांप ने बच्ची को हाथ में काटा है इसलिए हाथ में जहर अभी बाकी है। हाथ का ऑपरेशन किया जा रहा है।