Pulwama Attack 3rd Anniversary: 14 फरवरी 2019… इस तारीख को कोई भी भारतीय नहीं भूल सकता, यह वही दिन था जब जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर तेजी से आगे बढ़ रहे CRPF जवानों के काफिले पर फिदायीन आतंकी हमला हुआ था और भारत ने 40 वीर जवानों को खो दिया था। भारत के इतिहास में ये दिन एक काला दिन बनकर रह गया।
पाकिस्तान के टुकड़ों पर पलने वाले कायर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के पास लेथपोरा इलाके में हुए हमले की जिम्मेदारी ली, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को इस ‘नापाक हरकत’ के लिए सिर्फ 12 दिनों के भीतर सबक सिखाया। 26 फरवरी को भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकियों को ढेर कर दिया था। पुलवामा हमले के बाद से ही पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ कोहराम मच गया था।
दरअसल, पुलवामा में नेशनल हाईवे की तरफ जा रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के काफिले को आतंकियों ने गुपचुप तरीके से निशाना बनाया। 14 फरवरी 2019 की दोपहर को 300 किलो विस्फोटक से लदी कार ने सीआरपीएफ की गाड़ी को टक्कर मार दी और काफिले को उड़ा दिया। आतंकी हमले के बाद जवानों को स्थानीय सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बड़ी संख्या में जवानों की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के चंद मिनटों के भीतर ही पूरी दुनिया में इसकी निंदा होने लगी। घटना को अंजाम देने वाले आतंकी का नाम आदिल अहमद डार था। इसके साथ ही सज्जाद भट्ट, मुदसिर अहमद खान आदि आतंकवादी भी हमले में शामिल थे, जिन्हें बाद में सेना ने ढेर कर दिया। मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने की, जिसमें उसने 13,500 से अधिक पृष्ठों का आरोप पत्र दायर किया।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में गम और गुस्सा दोनों था। भारत के वीर सपूतों को खोने के बाद लगभग सभी चाहते थे कि हमले में शामिल आतंकियों को जल्द से जल्द मार गिराया जाए। सीआरपीएफ ने यह भी कहा था कि वह हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न तो माफ करेगी और न ही भूलेगी।
सीआरपीएफ ने एक ट्वीट में लिखा कि ‘हम न भूले हैं, न माफ किया है’ आतंकी हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को वायुसेना के विशेष विमान से पालम वायुसेना क्षेत्र लाया गया जहां तत्कालीन गृह मंत्री और वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े मंत्री मौजूद थे। शहीदों के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा गया।
इस आतंकी हमले के बाद भारत ने महज 12 दिनों के अंदर बदला ले लिया। 26 फरवरी, 2019 की रात मिराज-2000 विमान ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी। विमान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार की और बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस हमले में सैकड़ों आतंकी मारे गए।