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Saiyaara movie – IIT Baba Connection: ‘सैयारा’ फिल्म की कहानी क्या सच में महाकुंभ वाले IIT बाबा की है ? देखें कैसे – कैसे मजे ले रहे नेटिजन्स

सैयारा फिल्म की भावनात्मक कहानी और IIT बाबा से जुड़ी समानता के चलते सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया. जानिए कैसे मोहित सूरी की फिल्म एक वायरल महाकुंभ सेंसेशन से मेल खा रही है.

मोहित सूरी की रोमांटिक ड्रामा ‘सैयाारा’, जिसमें आहान पांडे और अनीत पड्डा ने डेब्यू किया है, 18 जुलाई को रिलीज होने के बाद से देशभर में भावनात्मक लहरें पैदा कर रही है. फिल्म के सुपरहिट गाने और दिल को छू जाने वाली कहानी के साथ-साथ दर्शक इसकी स्टोरीलाइन को महाकुंभ 2025 के वायरल फेनोमेनन “IIT बाबा” से जोड़ते नजर आ रहे हैं.

सैयारा की कहानी क्या है?
फिल्म के मुख्य किरदार कृष्ण कपूर एक जुनूनी संगीतकार हैं जो अपनी भावनाओं से जूझ रहे हैं. वहीं वाणी बत्रा एक शांत कवयित्री हैं जिनकी जिंदगी में गहरे जख्म हैं. दोनों की मुलाकात संगीत और दर्द के जरिये होती है लेकिन वाणी को अल्जाइमर्स का शुरुआती रूप होने के कारण उनकी जिंदगी में एक भावनात्मक तूफान आता है.

कौन हैं IIT बाबा?
महाकुंभ 2025 में अचानक चर्चित हुए “IITबाबा” ने अपने दर्शन और भावुक मोनोलॉग्स से करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया. बताया जाता है कि वह IIT से पढ़े एक युवा थे, जिन्होंने प्रेम में हार के बाद दुनिया से दूरी बना ली और अपने दर्द को शेरों, कविताओं और विचारों में बदल डाला.

सोशल मीडिया पर यूजर्स ने खोजा कनेक्शन
सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्सइंस्टाग्राम और X (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूजर्स कह रहे हैं कि सैयाारा दरअसल IIT बाबा के टूटे हुए दिल की सिनेमाई दास्तां है.मीम्स और रील्स में फिल्म के सीन और बाबा के वीडियो एक साथ दिखाए जा रहे हैं. कुछ लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि मोहित सूरी ने शायद महाकुंभ में आई इस घटना से प्रेरणा ली हो. हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

पीढ़ी का प्रतीक बन गई सैयाारा
फिल्म और वास्तविक जीवन की कहानी के बीच की समानता ने दर्शकों को और ज्यादा भावनात्मक रूप से जोड़ दिया है. खासकर Gen Z, जो IIT बाबा से पहले ही भावुक जुड़ाव महसूस कर रहे थे, उन्हें कृष्ण की यात्रा में खुद की छवि दिखाई दे रही है. यह फिल्म सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि आज की पीढ़ी की प्रेम, दर्द और पहचान की खोज का प्रतीक बन गई है.

सैयाारा और बनाम IITबाबा: हैरान कर देने वाली समानताएं
फिल्म सैयाारा और महाकुंभ 2025 के वायरल फेनोमेनन IIT बाबा के बीच कई हैरान कर देने वाली समानताएं सामने आई हैं, जो दर्शकों को कल्पना और हकीकत के बीच की महीन रेखा पर सोचने को मजबूर कर देती हैं. वाणी और बाबा, दोनों ही अपनी-अपनी कहानियों में गहरे भावनात्मक आघात का सामना करते हैं. वाणी को जहां ब्रेकअप के बाद अल्जाइमर्स जैसी बीमारी का सामना करना पड़ता है, वहीं IIT बाबा अपने प्रेम की हार के बाद सामाजिक जीवन से संन्यास लेते हैं.

कलात्मकता दोनों के लिए एक इलाज बनकर सामने आती है.सैयारा में कृष्ण और वाणी संगीत और कविता से अपने टूटे दिल को जोड़ते हैं, वहीं बाबा अपने दर्शन और शायरी के जरिए अपने दर्द को लोगों तक पहुंचाते हैं. सोशल मीडिया ने दोनों को वायरल बना दिया, एक ओर सैयारा का टाइटल सॉन्ग ग्लोबली ट्रेंड करता है, तो दूसरी ओर बाबा के वीडियो और कोट्स युवाओं के फीड में छाए रहते हैं.

प्रेम की खोई तलाश भी एक कॉमन धागा है. कृष्ण हिमाचल में वाणी को खोज निकालते हैं, जबकि बाबा आज भी अपनी भुला न सकी प्रेम कहानी की परछाइयों में जीते हैं. इन दोनों कहानियों से युवा वर्ग गहराई से जुड़ता है, कृष्ण के दर्द में उन्हें अपनी संवेदनाएं दिखती हैं और बाबा के विचारों में उनकी अपनी उलझनों का जवाब.

इन समानताओं ने सैयारा को केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव बना दिया है जो Gen Z की सोच, संबंधों और आत्म-खोज से गहरे जुड़ता है.

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