भारत

भारत का ‘सुदर्शन चक्र’ तैयार… अब आसमान से दुश्मन होगा साफ, IADWS कैसे सबको करेगा ध्वस्त समझें?

IADWS Defense System: भारत ने अपनी रक्षा क्षमता में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले से अपने संबोधन में ऐलान किया था कि देश अब ‘सुदर्शन चक्र’ नामक नई मिसाइल डिफेंस पहल की दिशा में आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा था कि यह पहल निगरानी, साइबर सुरक्षा और फिजिकल डिफेंस को जोड़कर देशवासियों और अहम ढांचों की रक्षा करेगी.

घोषणा के महज दस दिन बाद ही भारत ने इस दिशा में ठोस कदम बढ़ा दिया. 23 अगस्त को ओडिशा तट पर देश ने स्वदेशी इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का पहला सफल परीक्षण किया.

यह दुश्मन के लिए चेतावनी: रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने X पर संदेश जारी कर इस सफलता को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने डीआरडीओ, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग भागीदारों को बधाई दी और लिखा, “यह अनोखा फ्लाइट टेस्ट हमारे देश की मल्टी-लेयर एयर डिफेंस क्षमता को साबित करता है. यह दुश्मन के हवाई खतरों से अहम ठिकानों की रक्षा को और मजबूत करेगा.”

क्या है IADWS?
इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम यानी IADWS कोई एक हथियार नहीं है, बल्कि कई तकनीकी तत्वों का संयोजन है. इसका मकसद आसमान से आने वाले हर खतरे को समय रहते नाकाम करना है. विशेषज्ञ बताते हैं कि इस सिस्टम के तीन मुख्य हिस्से हैं एयर सर्विलांस, बैटल मैनेजमेंट और वेपन कंट्रोल.
राडार इस सिस्टम की आंख है. यह दुश्मन के विमान या मिसाइल को पकड़ लेता है. फिर उसे ट्रैक कर तय करता है कि यह दुश्मन है या दोस्त. इसके बाद बैटल मैनेजमेंट सिस्टम सक्रिय होता है और कार्रवाई की जाती है.

दुनिया के बड़े देशों के पास ऐसे हथियार
कई देशों ने अपनी सुरक्षा के लिए IADWS जैसे सिस्टम बनाए हैं. अमेरिका के पास पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और Thaad है. रूस के पास S-400 और इजरायल के पास आयरन डोम. अब भारत भी इस कतार में शामिल हो गया है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में किए गए इस परीक्षण में सभी हथियारों ने शानदार प्रदर्शन किया और डेटा ने इसकी पुष्टि की.

भारत का IADWS किन हथियारों से लैस है?
भारत के IADWS के तीन सबसे घातक हथियार हैं-
QRSAM (क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल)
VSHORADS (वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम)
DEW (डायरेक्टेड एनर्जी वेपन)

QRSAM: 30 किमी तक दुश्मन का सफाया
QRSAM डीआरडीओ द्वारा विकसित छोटी दूरी की मिसाइल है. यह 25-30 किलोमीटर तक के क्षेत्र में तेज रफ्तार विमान, हेलीकॉप्टर और क्रूज मिसाइल जैसे हथियारों को एक साथ मार गिराने की क्षमता रखती है. युद्ध के मैदान में यह आगे बढ़ती सेना को ढाल की तरह सुरक्षा देती है.

VSHORADS: सैनिक के कंधे पर मौत का हथियार
VSHORADS एक पोर्टेबल सिस्टम है जिसे सैनिक कंधे पर रखकर चला सकते हैं. यह दुश्मन के विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और लड़ाकू जेट को 6 किलोमीटर की दूरी तक ध्वस्त कर सकता है. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक चौथी पीढ़ी का यह स्वदेशी VSHORADS मौजूदा MANPADS से कहीं ज्यादा आधुनिक है. इसमें अत्याधुनिक अनकूल्ड इमेजिंग इंफ्रारेड सीकर लगा है.

DEW: लेज़र से दुश्मन होगा ध्वस्त
IADWS का सबसे आधुनिक हथियार है डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW). यह हाई-पावर लेज़र है, जो दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को मिनटों में निष्क्रिय कर सकता है. रिपोर्टों के मुताबिक DEW में लगभग असीमित फायरिंग क्षमता है और यह कम लागत में लगातार कई टारगेट को ध्वस्त कर सकता है.

भारत के लिए क्यों अहम है IADWS?
विशेषज्ञों का कहना है कि IADWS भारत के लिए रणनीतिक तौर पर गेमचेंजर साबित होगा. इसमें कई स्तर की रक्षा है- तेज रफ्तार विमान और क्रूज मिसाइल से लेकर झुंड में आने वाले ड्रोन तक, हर खतरे का जवाब एक ही सिस्टम से दिया जा सकेगा. एक वरिष्ठ DRDO वैज्ञानिक ने कहा, “यह शुरुआती परीक्षण है, जो ऊंची रेंज पर इस्तेमाल की राह खोलेगा. इसे ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ की दिशा में पहला कदम माना जा सकता है.”

मिशन सुदर्शन चक्र: दुश्मन के लिए अंत का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले से कहा था कि सुदर्शन चक्र दुश्मन के हमले को सिर्फ नाकाम नहीं करेगा बल्कि पलटवार भी करेगा. आने वाले वक्त में इसे वायुसेना के इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) और थलसेना के आकाशतीर से जोड़ने की योजना है.

Related Articles

Back to top button