
पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर से नई पारी की तैयारी में जुटे उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) जिसे अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के नाम से जाना जाता है, आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के तहत छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पिछली दो विधानसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद कुशवाहा इस बार आशावान हैं और संगठन को फिर से खड़ा करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
एनडीए से मिली छह सीटें, सीमित पर केंद्रित रणनीति
एनडीए के साथ हुए सीट बंटवारे के तहत रालोमो को दिनारा, उजियारपुर, सासाराम, बाजपट्टी, मधुबनी और ओबरा सीटें मिली हैं। इस बार कुशवाहा ने बड़ी संख्या में सीटों की बजाय गुणवत्ता और जीत की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सीमित सीटों पर फोकस करने का निर्णय लिया है।
उम्मीदवारों की सूची लगभग तय, सासाराम से स्नेहलता की एंट्री संभव
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इन सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हो चुके हैं:
मधुबनी से: माधव आनंद, जो संगठन के पुराने और सक्रिय नेता माने जाते हैं।
दिनारा से: आलोक कुमार सिंह, जो राज्य सरकार में मंत्री संतोष सिंह के भाई हैं, इन्हें मजबूत सामाजिक समीकरणों के कारण चुना गया है।
बाजपट्टी से: रामेश्वर महतो, जो स्थानीय स्तर पर अच्छी पकड़ रखते हैं।
उजियारपुर से: प्रशांत पंकज, जो युवाओं में लोकप्रिय चेहरा हैं।
सासाराम से: खुद उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता को मैदान में उतारने की तैयारी है, जिससे पार्टी को अतिरिक्त प्रचार लाभ मिलने की उम्मीद है।
ओबरा से: पार्टी प्रवक्ता रामपुकार सिन्हा की उम्मीदवारी पर सहमति बनती दिख रही है।
कम पर फोकस, जीत का लक्ष्य: कुशवाहा का नया मंत्र
उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमने इस बार सीमित सीटों पर ही लड़ने का निर्णय लिया है, लेकिन हर सीट पर पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेंगे। पिछली गलतियों से हमने सबक लिया है। अब रणनीति साफ है कम सीटों पर ध्यान केंद्रित कर जीत सुनिश्चित करना। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी का मुख्य फोकस शिक्षा, सामाजिक न्याय और युवाओं को रोजगार जैसे मुद्दों पर रहेगा।