रायपुर . राज्यपाल अनुसुईया उइके ने प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाने जाने के विषय को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कई अहम सुझाव भी दिए हैं। राज्यपाल ने पत्र में लिखा है, जनगणना 2001 को आधार मानते हुए वर्ष 2003 में 16 तथा 2007 से 2009 तक 18 ग्राम पंचायतों को विघटित कर नगर पंचायतों में पुनर्गठित किया गया है।
उन्होंने कहा, उक्त गठित नगर पंचायतें विधि के अनुरूप नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेद-243 यग(3) के तहत संसद द्वारा मेसा एक्ट पारित होने के बाद ही विधिसम्मत हो सकती है या इस विषय में राज्यपाल से अनुमोदन लेने के बाद विधिसम्मत हो पाएगी।
मेसा एक्ट लागू नहीं होने तक पेसा एक्ट के तहत हो आरक्षण
उन्होंने इस बात का भी सुझाव दिया है कि ऐसी नगर पंचायतों के लिए जब तक मेसा एक्ट लागू नहीं होता है, तब तक पेसा एक्ट के तहत आरक्षण किया जाए। राज्यपाल ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि मेसा एक्ट की चर्चा हो चुकी है। केंद्र सरकार द्वारा दिशा-निर्देश बनाया जा रहा है। इस संबंध में राज्यपाल ने कहा, अनुसूचित क्षेत्र के ग्राम पंचायत से जो नगर पंचायत पूर्व में गठित हुई है, उन्हें काफी समय व्यतीत हो चुका है। यदि उन्हें भंग करके पुन: ग्राम पंचायत में परिवर्तित किया जाता है तो उससे प्रशासकीय व्यवस्था में कठिनाई होगी।
उन्होंने कहा है कि यदि 5वीं अनुसूचित क्षेत्र के अन्तर्गत नगर पंचायतों को यथावत रखा जाना है तो संविधान के विधिसम्मत किए जाने के लिए तदानुसार प्रस्ताव मेरे अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाना होगा।
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