रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के BTI ग्राउंड में इस बार दो दुर्गा पंडाल दिखाई दे रहे हैं। ये पहली बार है, जब इस तरह से मैदान में दुर्गा पूजा को लेकर खींचतान की जा रही है। एक तरफ के पंडाल के चारों तरफ तीन रंग का कपड़ा लगा है जैसा कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमों में लगा होता है। दूसरी तरफ के पंडाल में भगवा रंग के कपड़े का इस्तेमाल किया गया है। एक पंडाल कांग्रेस समर्थित नेता की समिति से जुड़ा हुआ है। वहीं, दूसरे में भाजपा नेता ही पूजा समिति से जुड़ा महत्वपूर्ण जिम्मा संभालते हैं। कुल मिलाकर कहें तो रायपुर का BTI ग्राउंड दुर्गा पूजा के बहाने सियासी दंगल का अखाड़ा बना नजर आ रहा है। अपने कार्यक्रमों को लेकर मैदान में अब राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार, भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव जो कि बीटीआई ग्राउंड में आयोजित दुर्गा पूजा कार्यक्रम से लंबे समय से जुड़े रहे हैं वे धरने पर बैठ गए। सड़क पर चक्का जाम करने के साथ नारेबाजी भी की गई उन्होंने यह आरोप लगाया कि सरकार बदलने के बाद इलाके के कुछ कांग्रेसी नेता इस कार्यक्रम का राजनीतिकरण कर रहे हैं। उनकी समिति पिछले 17 सालों से बीटीआई ग्राउंड में गरबा और दुर्गा पूजा का कार्यक्रम आयोजित करती आ रही है। संजय श्रीवास्तव स्थानीय प्रशासन और पुलिस की समझाइश के बाद अपने समर्थकों के साथ लौट गए लेकिन जाते-जाते उन्होंने यह चेतावनी दी कि मैदान में सार्वजनिक कार्यक्रम के आयोजन की स्थिति अब प्रशासनिक अफसरों को साफ करनी चाहिए। इस तरह के धार्मिक आयोजन का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
दूसरी तरफ मैदान के एक बड़े हिस्से का तीन रंग के कपड़े से घेराव कर दिया गया है। पंडाल में दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापित की गई है। पहले हर रोज रात में यहां पर गरबा भी आयोजित होता था। खम्हारडीह इलाके के पुराने कांग्रेसी नेता राकेश धोतरे ने वहां अपनी तस्वीरों वाले पोस्टर भी चिपका दिए हैं। पोस्टर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का चेहरा भी नजर आ रहा है। राकेश धोतरे से जुड़ी समिति अब मैदान पर होने वाले दुर्गा पूजा आयोजन पर अपना दावा कर रही है। इस पर धोतरे ने मीडिया से कहा है कि उनकी पुरानी समिति यहां कई सालों से कार्यक्रम कर रही है।
जिला प्रशासन के लिए बन गया नया सिरदर्द
संजय श्रीवास्तव ने यह दावा किया है कि उनकी समिति 17 सालों से बीटीआई ग्राउंड में दुर्गा पूजा और दशहरा का कार्यक्रम आयोजित करती आ रही है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता राकेश धोतरे अपनी सियासी ताकत दिखाने में लगे हैं। तो ऐसे में आखिर दशहरा कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति किसे दी जाए यह जिला प्रशासन के लिए एक नया सिरदर्द बन गया है। अफसरों ने तो यह साफ कह दिया है कि फिलहाल किसी को भी अनुमति प्रदान नहीं की गई है। जल्द ही बैठकर इस पर भी फैसला लिया जाएगा। अब ग्राउंड में दोनों सियासी दलों के टकराव के हालात सरकार के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं।
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