भिलाई। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव आयोजित किए गए। इसी क्रम में गुरुवार को जिले के चार निकायों भिलाई, रिसाली, भिलाई-चरोदा और जामुल में पार्षदों का निर्वाचन हुआ। इस चुनाव में रिसाली निगम के वार्ड 4 रुआबांधा पूर्व से ममता यादव ने पार्षद पद पर जीत हासिल की है।
कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर मैदान में उतारा था। खास बात यह है कि ममता यादव राजनीति में कदम रखने से पहले घरों में खाना बनाने काम करती हैं। जामुल में मां-बेटी चुनाव जीत गई हैं, वहीं चरोदा में पति-पत्नी मैदान में उतरे थे लेकिन पत्नी ही चुनाव जीत पाईं।
कहा-आगे भी खाना बनाऊंगी
ममता यादव के पति का नाम ललित यादव है। उन्होंने बताया कि 24 साल पहले उनकी शादी ममता के साथ हुई। शादी के बाद ममता रुआबांधा आ गई। उन्होंने 9वीं तक पढ़ाई की है। स्वभाव से स्वाभिमानी होने के कारण खाली बैठना उसे गवारा नहीं था। इसलिए उन्होंने गांव से ही परिचित और भिलाई सेक्टर 10 में रहने वाले शर्मा परिवार के यहां खाना बनाने का काम शुरू किया।
पिछले 24 साल से वे इस घर में खाना बनाने व अन्य छोटे-मोटे काम कर रही हैं। चार साल पहले मितानिन के काम के लिए भी उसका चयन हो गया। लेकिन उसके बाद भी उसने खाना बनाने का काम नहीं छोड़ा।
मां ने कांग्रेस और बेटी ने निर्दलीय से हासिल की जीत
जामुल नगर पालिका परिषद में मां और बेटी दोनों पार्षद बन गई है। वार्ड क्रमांक 12 से सुनीता चेन्नेवार ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था जिसमें उन्होंने जीत हासिल की है। वे वार्ड क्रमांक 8 की निर्दलीय प्रत्याशी निशा चेन्नेवार की मां है। सुनीता चेन्नेवार कांग्रेस प्रत्याशी हैं। निशा चेन्नेवार ने वार्ड क्रमांक 8 से कांग्रेस पार्टी से टिकट की मांग की थी।
मगर पार्टी ने एक ही परिवार के दो लोगों को टिकट देने में असमर्थता जाहिर की। फिर निशा ने निर्दलीय चुनाव मैदान में लड़ने का निर्णय किया। जब निशा चुनाव जीतकर निकली तो वह बोली कि मैं कांग्रेस पार्षद की बेटी हूं। इसलिए कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ी हुईं है।
पूर्व पार्षद पति को मिली हार, पत्नी को मिली जीत
भिलाई-चरोदा में पति और पत्नी दोनों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। मगर चुनाव में पति लावेश मदनकर हार गए। वहीं, उनकी पत्नी शारदा मदनकर जीत गईं। बता दें कि लावेश बजरंग पारा वार्ड से निर्दलीय चुनाव लड़े रहे थे। शारदा मदनकर ने गांधीनगर वार्ड से चुनाव लड़ा।
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