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बिलासपुर में धूम मचा रहा दक्षिण भारत का सोलापुरी माता महोत्सव, जानिए इस पूजा में क्या है खास…

Solapuri Mata Mahotsav: 
बिलासपुर। दक्षिण भारत में मनाए जाने वाले त्यौहार सोलापुरी माता महोत्सव(Solapuri Mata Mahotsav) अब बिलासपुर में भी बड़ी धूम मचा रहा है। इसे दक्षिण भारत के स्तर पर यहां भी मनाया जा रहा है। यह रेलवे के बंगलायार्ड के बारहखोली में बने दुर्गा पंडाल में पिछले 22 साल से बड़ी धूम धाम से इसका आयोजन किया जा रहा है।
ऐसा भी माना जाता है की दक्षिण भारतीय लोग भीषण गर्मी से होने वाले विभिन्न रोग के प्रकोप से बचने के लिए हल्दी व नीम के पत्तों से बने माता के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं और आयोजन के साथ भव्य शोभा यात्रा भी निकली जाती है। शनिवार को खड़कपुर से आए कई पुजारियों ने राटा पूजा के साथ देवी माता की स्थापना भी की गई।
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पूजा के लिए वायरलेस कॉलोनी में स्थित एस.श्रीनिवास, एस सुजाता व साई कोमल के घर से पारंपरिक अंदाज में गाने बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली गई।
बता दें कि राटा पूजा साउथ में मनाए जाने वाला एक प्रसिद्ध त्यौहार है जो कि अब बिलासपुर में भी बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इस शोभा यात्रा के दौरान महिलाएं दक्षिण भारतीय वस्त्र में सजी नज़र आई और साथ ही सर पे पवित्र कलश धारण कर के घर से पूजा स्थल के लिए निकलीं।
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इस दौरान जगह-जगह पर कई आतिश बाज़िश भी देखी गई। इसके साथ ही शीतला माता की प्रतीक सोलापूरी माता की पूजा अर्चना कर उनका स्वागत भी किया गया। फिर खड़कपुर से आए पंडितो ने विधि विधान के साथ राटा पूजन कराया और माता के सामने पोतराजू यानि(भैरव भाभा)की स्थापना भी की गई।
सोलापुरी माता के स्थापना के बाद रोज़ उनका रूप बदला जाता है। रोज़ हल्दी से नए-नए आकार बनाकर उनकी सजावट भी की जाती है और फिर हर रोज़ देवी माता की हल्दी से बनई गई आकर्षक प्रतिमा तैयार की जाती है। इसके बाद 8 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में हर रात महाआरती के साथ इसकी पूजा शुरू होती है। फिर साथ ही रेलवे परिक्षेत्र में पूरे आठ दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में सोलापूरी माता की पूजा बड़े धूम धाम से की जाती है।
पंडाल में भी काफी आकर्षक सजावट भी की जाती है। आयोजक बताते हैं कि पंडाल स्थल को सजाने के लिए जो कारीगर आते है उन्हें खड़कपुर से बुलाया जाता है। फिर आयोजक शोभायात्रा और माता की पूजा की तैयारी में भी जुटे हुए हैं।
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आयोजक समिति के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद वी. रामा राव ने बताया कि भक्तजनों का अटूट विश्वास है कि मां सोलापुरी को शीतला मां का प्रतीक माना जाता है। उनकी कृपा से गर्मी के दिनों में चेचक, छोटी माता जैसी महामारियों का सामना संभव है। भक्तजनों के कष्टों को दूर करने व उनकी मनोकामना पूर्ण करने के लिए व दर्शन देने ग्रामीण और शहर भ्रमण कर भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
सोलापुरी माता पूजा को सफल बनाने में आयोजन समिति के अध्यक्ष और वी. रामा राव व सचिव पार्षद ए. साई भास्कर, कोषाध्यक्ष बी शंकर राव, एल श्रीनिवास, टी गिरधर राव, वी मधुसुधन राव, जी रवि कुमार, डी वासु, ई अप्पा राव, एस श्रीनु, डी प्रसाद, जे गोविंद, पी शेखर राव, संभु रजक, सांई अभिषेक, तुषार, रविशंकर, प्रवीण, जे दामोदर, टी दिवाकर, जी लोकेश, बी श्रीनिवास, के गोविंद राव, पी शंकर राव, के शंकर राव, आर प्रभाकर, वी शयामु, तांती, रवि तेजा सहित अन्य शामिल रहे।

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