छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: डराते हैं सुसाइड के ये आंकड़े, बीते एक साल में इतने लोगों ने की आत्महत्या, धरमलाल बोले- किसान हैं डिप्रेशन में

छत्तीसगढ़ में जनवरी 2019 से 28 फरवरी 2021 तक करीब 15 हजार लोगों ने आत्महत्या कर ली हैं। बता दें कि ये आंकड़ा राज्य सरकार ने हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान बताया गया था। इस मामले में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मेंटल हेल्थ आज चिंता का विषय बन गया है। आगे धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में किसान वर्ग, आम जनता और सरकारी कर्मचारी डिप्रेशन में हैं। इन लोगों में हताशा और निराशा बढ़ती ही चली गई है। उन्होंने इस मामले में मौजूदा सरकार की गलत नीतियों को कसूरवार बताया।
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आत्महत्या के आंकड़े 
धरमलाल कौशिक ने विधानसभा में सरकार की तरफ से जारी किए आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक प्रदेश में हर महीने करीब 575 लोगों द्वारा आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। हर 24 घंटे के भीतर 19 लोगों की आत्महत्या की खबरें सामने आती हैं। सरकारी आंकड़े कहते हैं कि नाबालिकों ने भी खुदकुशी की है। नाबालिगों के मामले में कोई न कोई वजह से हर महीने 50 और हर दिन औसतन दो नाबालिक जान दे रहे हैं।
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सबसे अधिक रायपुर में
आकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक रायपुर में 164, दुर्ग में 88, बलरामपुर में 64 नाबालिकों के द्वारा खुदखुशी की गई है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने आगे बताया कि मजदूरों ने भी खुदकुशी की ही। कुल 6100 मजदूरों ने आत्महत्या की है। इसके बाद 1122 बुजुर्गों ने आत्महत्या कर ली है। आत्महत्या के ये आकड़ें बताते हैं कि प्रदेश में इन वर्गों के लोगों में कितनी समस्याएं हैं और ये उनपर इस कदर हावी हैं कि ये खुद ही अपनी जिंदगी खत्म करने जैसा कदम उठाते इनके प्रति हमें जिम्मेदारी दिखाने की जरुरत है।
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राज्य में जान देने के लिए मजबूर किसान और सरकारी कर्मचारी
नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों की हालत बहुत खराब है। यहां के किसान आर्थिक व मनासिक दबाव के चलते आत्महत्या को विवश होते जा रहे हैं। पिछले एक साल में 406 किसानों ने मानसिक दबाव में आकर आत्महत्या जैसा कदम उठाया। छत्तीसगढ़ में बिलासपुर किसानों के आत्महत्या के मामले में पहले स्थान पर है। यहां पर 150 किसानों ने अपनी जान दे दी, दूसरे नंबर पर है बलौदाबाजार । यहां पर 123 किसानों ने आत्महत्या कर ली। तीसरे नंबर पर है सरगुजा। सरगुजा में 69 किसानों ने खुदकुशी की है।
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इन 26 महीनों में कुल 211 शासकीय कर्मियों ने आत्महत्या कर ली है। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि सरकारी नौकरी करने आखिर क्यों ऐसा कदम पर रहे हैं। धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन सरकार बनने के दो साल में ही शासकीय सेवक परेशान हो गए हैं। शासकीय सेवक डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे हैं। आर्थिक संकट के कारण भी कर्मचारी लाचार परेशान हैं। कौशिक ने कहा, प्रदेश में लगातार आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं इनके बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए लोगों को मनोचिकित्सकों से मदद मिलनी चाहिये। ये तो है ही साथ ही साथ राज्य सरकार को कर्मचारियों के हितों के लिए कुछ उचित फैसले भी लेने चाहिये।
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रायपुर की सामाजिक संस्था YMS (योगा, म्यूजिक, स्पोर्ट्स) यूथ फाउंडेशन के महेंद्र सिंह होरा ने कहा कि आजकल लोगों की जिंदगी में तनाव बहुत ही ज्यादा है। सबसे महत्वपूर्ण कोई बात है तो वो है तनाव दूर करना। महेंद्र सिंह ने बताया कि हम हमारी संस्था के माध्यम से आम लोगों मे हो रहे तनाव को कम करने से संबंधित कार्य कर रहे हैं। वे विशेषकर युवाओं में पनप रहे डिप्रेशन को दूर करने पर काम कर रहे हैं। बता दें कि रिसर्च में यह साबित हुआ है कि योग, म्यूजिक और खेल हमारे डिप्रेशन को कम करते हैं।
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हमारी सोच ही हमे जीने और मरने का ढंग सिखाती है। अधिकतर हमने देखा है कि कई परेशान युवा जब तनाव के समय में योग, स्पोर्ट्स और म्यूजिक से जोड़ते हैं तो उनकी जिंदगी में उन्हें कुछ सकारात्मक परिवर्तन नजर आते हैं। भले ही हम समस्याओं को खत्म न कर पाएं, लेकिन योग, म्यूजिक और स्पोर्ट्स की मदद से हम उनका मुकाबला कर सकते हैं। अगर आपमे भी कभी निगेटिव थॉट्स आएं तो इन्हें जरूर आजमाएं।

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