जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर जिले की सरहद पर स्थित सिलगेर सुरक्षा बलों का कैंप खुला हुआ है लेकिन यहां के ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इसी इलाके से एक ऐसी बात सामने आई है कि ग्रामीण खुद ही पुलिस से नक्सलगढ़ कुंदेड़ गांव में कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं। जगरगुंडा आए सैकड़ों ग्रामीणों ने पुलिस से कहा कि, उन्हें गांव में सड़क, सुरक्षा और विकास चाहिए।
जानकारी के अनुसार, ग्रामीण जिस इलाके में विकास की मांग कर रहे हैं उस पूरे क्षेत्र में ही पूरी तरह से नक्सलियों ने कब्जा कर रखा है। सुकमा SP सुनील शर्मा ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही गांव में कैंप खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की यह बेखौफ मांग साफ बता रही है कि माओवादियों के कब्जे वाले इलाकों में उनके अत्याचार के खिलाफ विद्रोह किया जा रहा है।
बता दें कि ग्रामीणों ने सिलगेर में कैंप खुलने के बाद से ही विरोध करना प्रारंभ कर दिया था।
सुकमा पुलिस ने जगरगुंडा थाना क्षेत्र में ग्रामीणों की स्वास्थ्य की जांच के लिए मेडिकल कैंप लगाया था। यहां कुंदेड़ सहित आसपास के कई गांव के ग्रामीण अपने स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए आए थे। सिर्फ कुंदेड़ क्षेत्र से ही 150 से 200 महिला, पुरूष व बच्चे कैंप में आए थे। पहले तो ग्रामीणों ने अपने स्वास्थ्य की जांच करवाई। इसके बाद उन्होंने पुलिस अफसरों से खुलकर अपनी समस्याएं बताई। इस दौरान पुलिस अफसरों ने ग्रामीणों को कई तरह की जरूरत के सामान भी वितरित किए।
सड़क, बिजली और रोजगार की है मांग
बता दें कि सुकमा जिले का यह कुंदेड़ गांव विकास से बहुत दूर है। इस गांव में न तो सड़क की सुविधा है और न ही बिजली की सुविधा। कारण है नक्सलवाद। यहां का पूरा इलाका नक्सलियों के कब्जे में है। इस क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण माओवाद के अंधेरे में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। यही कारण है कि इस इलाके में आज भी विकास नहीं पहुंचा है। इधर, पुलिस ने जो स्वास्थ्य कैंप लगाया था वहां पहुंचे ग्रामीणों ने क्षेत्र में सड़क निर्माण करवाने की मांग की। इसके साथ ही गांव में बिजली और युवाओं के लिए रोजगार की भी मांग की।
नक्सलवाद से चाहिए आजादी; ग्रामीण
स्वास्थ्य शिविर में आए ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि, अब हमें नक्सलवाद से आजादी चाहिए। हम यह चाहते हैं कि गांव में अच्छी स्कूल हो, हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो और गांव का विकास हो। किंतु यहां नक्सली विकास का विरोध करते हैं। यदि विकास की मांग करो तो वे हमारी पिटाई करते हैं। नक्सलियों के कारण हमें कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है।
खूंखार नक्सली हिड़मा का इलाका
यह पूरा इलाका खूंखार नक्सली हिड़मा का है जिसके ऊपर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित है। यहां पर हिड़मा सहित कई वर्दीधारी हथियारबंद नक्सली सदैव ही सक्रिय रहते हैं। कुंदेड़ गांव में सुरक्षाबलों का कैंप लगाना साथ में यहां के ग्रामीणों को विकास और सुरक्षा से जोड़ना एक बहुत बड़ी चुनौती है। यहां के ग्रामीणों को पुलिस अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द गांव में कैंप खोला जाएगा और इस पूरे इलाके को नक्सलमुक्त किया जाएगा।
कुदेड़ में पहुंचेगा विकास, बदलेगी तस्वीर
सुकमा जिले के SP सुनील शर्मा ने कहा कि यहां के ग्रामीणों ने पहली बार खुल कर कैंप खोलने और गांव में सड़क, पुल-पुलिया बनाने की मांग की है इसलिए ग्रामीणों की मांग को देखते हुए बहुत जल्द कुंदेड़ में पुलिस कैंप खोला जाएगा। इस क्षेत्र में विकास पहुंचाई जाएगी और नक्सलियों से इस इलाके को आजाद किया जाएगा। नक्सलवाद का कहर झेल रहे इस गांव की तस्वीर पूरी तरह बदल दी जाएगी। अगर एक बार यहां कैंप खुल जाता है तो दर्जनों गांव के ग्रामीणों तक विकास पहुँचने की संभावनाएं हैं।
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