विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी इसी ओर इशारा किया है अगर सबकुछ ठीक रहा तो छत्तीसगढ़ में जल्द ही 36 जिले होंगे। डॉ. महंत ने बोला कि पहले प्रदेश में 28 जिले थे। जिसके बाद 4 और नए जिले बन गए। अब प्रदेश में 32 जिले हो गए हैं। अगले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में 36 जिले होंगे। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को 4 और नए जिले बनाने की सलाह दी है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- उनके क्षेत्र में नए जिले बने, वे सौभाग्यशाली हैं।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत अपने सक्ती को जिला बनाने की घोषणा के बाद एक दिवसीय दौरे पर वहां पहुंचे थे। वे सक्ती से विधायक भी हैं। डॉ. महंत ने बोला है कि सक्ती को जिला बनाने की मंशा पहले से ही थी, इसीलिए IAS अफसर को भी वहां पहले ही तैनात कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि जिला बनने के बाद क्षेत्र के लोगों को आर्थिक विकास के अवसर मिलेंगे। जिला बना तो हमारी खुशियां और बढ़ीं, जहां लोग चाहेंगे, वहीं मुख्यालय बनेगा।
नए जिलों की घोषणा के साथ ही चार अन्य जिलों के बनने की संभावना को और बल मिल गया है। प्रदेश में चर्चा है कि सरकार अब जशपुर, बलौदाबाजार, कांकेर और बलरामपुर का विभाजन कर सकती है। इसके बाद इन चार जिलों का उदय हो सकता है। इसके लिए भी लंबे समय से मांग चल रही है। राजनीतिक स्तर पर भी इसको लेकर कई बार वादे किए जा चुके हैं। ये सम्भावित जिले बन सकते है-
पत्थलगांव
भाटापारा
भानुप्रतापपुर
प्रतापपुर-वाड्रफनगर
स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने की थी नए जिलों की घोषणा
स्वतंत्रा दिवस के दिन रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 4 नए जिले सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मनेंद्रगढ़ और मोहला मानपुर -अंबागढ़ चौकी बनाने की घोषणा की थी। सरकार की ओर से कहा गया, सारंगढ़ की दूरी रायगढ़ से करीब 55 किमी और बिलाईगढ़, सरसींवा की दूरी बलौदाबाजार से 75-80 किमी है। सारंगढ़ की दूरी 50 किमी से कम हो जाएगी। इसी तरह मोहला-मानपुर की दूरी जिला मुख्यालय राजनांदगांव से 100 किमी है। कमोबेश इसी तरह की सुविधाएं सक्ती और मनेन्द्रगढ़ के लोगों को मिलेंगी।