छोटे और मध्यम कारोबारियों पर केन्द्रित बी2बी बिजनेस प्लेटफॉर्म उड़ान ने लोकप्रिय पारले-जी बिस्कुट बनाने वाली कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) में एक शिकायत दर्ज कराई है। जिसमे संगठन का आरोप है कि कंपनी अपनी मजबूत स्थिति का गलत फायदा उठा रही है। वह उड़ान को अपने पारले-जी बिस्कुट जैसे उत्पादों की सीधी आपूर्ति करने से पूरी तरह इनकार करती है।
शिकायत में उड़ान ने कहा है कि पारले बिस्कुट जैसे त्वरित खपत वाले उत्पादों की आपूर्ति से इनकार कर अपनी ग्लूकोज बिस्कुट के क्षेत्र में व्याप्त मजबूत स्थिति का गलत फायदा उठा रहा है। वह बिना कोई उचित तर्क के ही प्लेटफॉर्म को पारले-जी बिस्कुट की आपूर्ति से इनकार करती है।
Udaan को इसके कारण खुले बाजार से बिस्कुट खरीदने पड़ते हैं जिससे कंपनी से सीधे उत्पाद खरीदने वाले विक्रेताओं के मुकाबले उसकी प्रतिस्पर्धा पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस मामले में Udaan के प्रवक्ता से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार किया। पारले प्रॉडक्ट्स के वरिष्ठ कैटगरी प्रमुख मयंक शाह ने कहा कि कंपनी को इस संबंध में प्रतिस्पर्धा आयोग से अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ‘हमें कोई नोटिस नहीं मिला है। इस संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है।
छोटे दुकानदारों के लिए मार्केटप्लेस
Udaan एक B2B ट्रेड मार्केटप्लेस है, जो खासकर छोटे दुकानदारों, होलसेलर, व्यापारियों और फैक्ट्री वाले को एक दूसरे के साथ जोड़ती है। Udaan हाइवलूप टेक्नोलॉजी के माध्यम से चलाई जा रही है जो खासकर छोटे व्यापारियों को आगे बढ़ाने का काम इससे किया जा रहा है। यह मुख्य रूप से थोक विक्रेताओं, व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं और निर्माताओं को एक मोबाइल ऐप के माध्यम से एक प्लेटफॉर्म पर जोड़ती है।
Udaan फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स के लिए प्लैटफॉर्म उपलब्ध करवाती है। इसका सप्लाई चेन नेटवर्क देश के 50 शहरों में फैला है। पूरे देश के 900 शहरों में इसका सप्लाई नेटवर्क स्थापित है जो 12 हजार पिनकोड्स कवर करती है। यह अपने बायर्स और ग्राहकों को ना सिर्फ समय पर डिलिवरी करती है, बल्कि फ्रेश प्रोडक्ट कम कीमत पर उपलब्ध करवाती है।
मारुति पर CCI ने लगाया था 200 करोड़ का जुर्माना
CCI का काम इसी की जांच करना है कि कोई कंपनी अपने पोजिशन और आकार का गलत इस्तेमाल तो नहीं कर रही है। हाल ही में इसने मारुति सुजुकी इंडिया पर 200 करोड़ का जुर्माना लगाया था। मारुति पर आरोप था कि वह अपने डीलर्स पर कार डिस्काउंट पर बेचने का दबाव बना रही थी। सीसीआई ने अपनी जांच में पाया कि मारुति की तरफ से जो डिस्काउंट ऑफर किए जा रहे हैं उसमें कंपनी का कंट्रोल ज्यादा है।