देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आ चुकी है और रोज़ाना बीते कल के मुकाबले 40 फीसदी से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म नोमुरा ने एक अनुमान जारी किया है, जो चिंता बढ़ाने वाला है। फर्म ने अमेरिकी ट्रेंड से तुलना करते हुए कहा है कि अगर भारत में भी वैसी ही वृद्धि देखने को मिलती है तो रोज़ना 30 लाख तक कोरोना के नए मरीज मिल सकते हैं।
अनुमान के अनुसार, अगर ऐसा होता है तो देश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रचर पर काफी दबाव बन जाएगा। अगर द. अफ्रीका जैसा ट्रेंड रहा, तो रोज़ाना नए मामलों की तादाद 7 लाख 40 हजार तक हो सकती है। बता दें कि IIT कानपुर के प्रोफेसर महेंद्र अग्रवाल ने भी अपने अनुमान में तीसरी लहर की पीक के दौरान देश में 4 से 8 लाख तक नए मामले सामने आने की बात कही है।
नोमुरा ने आगाह किया है कि तीसरी लहर के कारण भारत की आर्थिक ग्रोथ कमजोर हो सकती है, जिसमें अभी-अभी सुधार होना शुरू हुआ है। इतना ही नहीं महंगाई में भी वृद्धि हो सकती है, जिससे निपटने के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) द्वारा रेपो रेट में इजाफा किया जा सकता है।
नोमुरा ने अपने अनुमान में बताया है कि भारत, फिलीपींस और इंडोनेशिया जैसे देशों में कुल 45 फीसदी आबादी का ही टीकाकरण हो पाया है। ऐसे में संक्रमण तेजी से फैलने का ख़तरा है और इससे अस्पतालों पर दबाव बढ़ सकता है। बता दें कि देश में लगातार दो दिनों से कोरोना के नए मामलों का आंकड़ा 1 लाख के पार जा रहा है।
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