लाइफस्टाइल

Ajab-Gajb: महिला के अंदर रहते हैं 50 लोग,हर घंटे बदलती है उनकी शख्सियत

Ajab gajab:
अक्सर हम लोगों के अंदर भूत,प्रेत, जिन्न के होने की तमाम कहानियां सुनते हैं। कई बार हम इन कहानियों को सच भी मान लेते हैं और अंधविश्वास कर तंत्र-मंत्र जैसी विद्याओं का सहारा भी ले लेते हैं ,लेकिन आप लोगों को यह जानकर हैरानी होगी कि यह कोई भूत नहीं बल्कि एक मानसिक बीमारी होती है। जिसमें शरीर पर इंसान का अपना कंट्रोल नहीं रहता और वह अपने अंदर अलग-अलग लोगों की छवि को महसूस करता है, इस बीमारी को पर्सनालिटी डिसऑर्डर कहते हैं।मेल लॉज (Mel Lodge)नाम की महिला को ये बीमारी 4 साल की उम्र से है और उनके लिए जिंदगी बेहद मुश्किल हो चुकी है।
इस बीमारी को डिसोकेटिव आइडेंडिटी डिसऑर्डर (dissociative identity disorder) कहा जाता है, जो एक मानसिक बीमारी है।मेल लॉज को जब से ये बीमारी हुई, वो अपने ही शरीर में अलग-अलग शख्सियत को पाले बैठी हैं।उनके दिमाग में मौजूद अनेक लोगों में से उनके शरीर पर कब, कौन हावी हो जाता है, ये कहना मुश्किल है। उनकी ज़िंदगी किसी भूल-भुलैया की तरह है, जहां उन्हें खुद नहीं पता कि कौन आकर चला जाता है।
READ MORE: Health: मूड बूस्ट करना हो या वजन कम, तीखी मिर्ची दिलाएगी सभी मुश्किलों से निजात
50 शख्सियतों का है शरीर पर कब्ज़ा
30 साल की बैले टीचर मेल लॉज (Mel Lodge) के अंदर 50 पर्सनालिटीज़ मौजूद हैं, जिन्हें वो अपने शरीर का हिस्सा मानती हैं।दिन में हर घंटे उनके शरीर पर एक अलग शख्सियत सवार हो जाती है।टिकटॉक पर उन्होंने अपनी कहानी बताते हुए Dissociative Identity Disorder के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश की तो लोगों ने उन्हें ही झूठा करार दे दिया है।न्यूज़ीलैंड के वेलिंगटन की रहने वाली मेल लॉज का कहना है कि फिल्मों में इसे कुछ अलग तरीके से दिखाया जाता है, ऐसे में लोग इस बीमारी को समस्या कम और ड्रामा ज्यादा समझते हैं।
2018 में पता चली अनोखी बीमारी
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक जब मेल 26 साल की थीं, तब उनकी इस बीमारी को डॉक्टरों ने समझा।उनके थेरेपिस्ट मेल के शरीर में मौजूद ज्यादातर पर्सनालिटीज़ से मिल चुके हैं।थेरेपी के दौरान ही उन्हें पता चला कि उन पर कुल 50 शख्सियतें सवार होती हैं, जो उनके थेरेपिस्ट से बात भी करती हैं।
Dissociative Identity Disorder को आम तौर पर मल्टिपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर के तौर पर जाना जाता है।मायो क्लिनिक के मुताबिक इंसान के मस्तिष्क में दो या और भी ज्यादा पर्सनालिटी मौजूद होती हैं, जो वक्त-वक्त पर हावी होती रहती हैं।
[

Related Articles

Back to top button