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खूंखार नक्सली सोढ़ी मूया ने किया सरेंडर, 8 लाख रुपए का था इनाम, 29 जवानों की हत्या समेत कई मामलों में दर्ज है केस

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ की सुकमा पुलिस ने गुरुवार को एक बड़ी सफलता हासिल की है। खूँखार माओवादी सोढ़ी मूया ने “पूना नर्कोम” यानी “नई सुबह” अभियान से प्रभावित होकर CRPF DIG योज्ञान सिंह और SP सुनील शर्मा के सामने अपने घुटने टेक दिए हैं। वर्तमान में नक्सली मूया केरलापाल एरिया कमेटी सचिव के है। इस पर 8 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया है। इसके साथ ही इसने अलग-अलग घटनाओं को अंजाम दिया है और 29 से भी अधिक जवानों की शहादत का जिम्मेदार है। इलाके में खूंखार हार्डकोर नक्सली के रूप मूया की पहचान हुई है।
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जानकारी के अनुसार, सोढ़ी मूया साल 2006 से नक्सल संगठन में जुदा हुआ था और वहीं काम कर रहा था। मूया को हार्डकोर महिला नक्सली तारक्का एवं सूर्यम ने संगठन से जोड़ा था। बता दें कि मूया तकरीबन 15 सालों से नक्सल संगठन में सक्रिय है। सरेंडर करने के बाद मूया ने पुलिस को जानकारी दी कि, वह दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) सुजाता और रमन्ना के साथ भी काम कर चुका है। इस पर सुकमा जिले के ही अलग-अलग थानों में 20 से ज्यादा नामजद अपराध दर्ज हैं। पुलिस मूया के सरेंडर को अपनी एक बड़ी उपलब्धि मान रही है।
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गौरतलब है कि नक्सली मूया सुकमा जिले के कसालपाड़ और भेज्जी की नक्सल घटना का मास्टरमाइंड था। साल 2014 में कसालपाड़ इलाके में सर्चिंग में निकले जवानों को एंबुश में फंसाकर अंधाधुंध फायरिंग करने की घटना में मूया शामिल रहा है। बता दें कि इस घटना में कुल 14 जवान शहीद और 14 जवान घायल हुए थे। इसके साथ ही साल 2017 में भेज्जी इलाके में सड़क निर्माण की सुरक्षा में निकले जवानों पर IED ब्लास्ट कर यहां पर भी जवानों को एंबुश में फंसाया था। इस घटना में 12 जवान शहीद और 2 जवान घायल हो गए थे। इन दोनों घटनाओं का मास्टरमाइंड मूया ही है।
इसलिए डाल दिए हथियार
आपको बता दें कि सुकमा पुलिस ने 9 अगस्त को पूना नर्कोम अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत पुलिस लगातार नक्सलियों से घर वापसी की अपील कर रही है। सरेंडर के बाद मूया ने पुलिस को बताया कि, संगठन में बड़े नक्सली लीडर लगातार उसकी उपेक्षा कर रहे थे। वह उनकी भेदभावपूर्ण नीति से भी बहुत तंग आ गया था। वहीं उसने “पूना नर्कोम” अभियान के बारे में भी कहीं सुना था। इसलिए उसने सरकार की नीतियों का फायदा मिलेगा ऐसा सोचकर हथियार डाल दिए। मूया ने कहा कि अब मैं अपने गांव वापस नहीं जाऊंगा। बल्कि पुलिस में भर्ती होकर काम करूंगा।
जानिए किन बड़ी घटनाओं में था शामिल
मूया, साल 2014 को कसालपाड़ में पुलिस पार्टी पर हुए हमले की घटना में शामिल था। बता दें कि इस घटना में 7 जवान घायल हुए थे, जिनका रेस्क्यू करने पहुंचे हेलिकॉप्टर पर भी नक्सलियों ने फायरिंग की थी।
साल 2014 में ही कसालपाड़ के जंगल में सुरक्षा बलों को एंबुश में फंसा कर अंधाधुंध फायरिंग करने की घटना में भी मूया शामिल था। जानकारी के मुताबिक, इस घटना में 14 जवान शहीद और 14 जवान घायल हुए थे।
मूया, साल 2017 में भेज्जी में हुए नक्सल घटना में शामिल था। इस घटना में 12 जवान शहीद हुए थे और 2 जवान घायल हो गए थे।
साल 2017 में ही सामसेटी गांव में IED ब्लास्ट किया गया था। इसमें भी मूया शामिल रहा। इस घटना में 3 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
वहीं, साल 2018 में भेज्जी के एलारमडगू तालाब के पास मुठभेड़ की घटना में मूया शामिल था। बता दें कि इस घटना में 2 जवान शहीद हुए थे और 6 जवान घायल हो गए थे।

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