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बस्तर का महुआ पी कर झूमेंगे अंग्रेज, यूरोप में बनेंगी शराब और एनर्जी ड्रिंक

 बस्तर का महुआ अब विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाएगा, वहां इससे शराब के साथ-साथ औषधि व खाने के काम आने वाले अन्य अन्य उत्पाद भी बनाए जाएंगे। वन विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया है।

बताया जाता है कि इंग्लैंड, आयरलैंड सहित यूरोप के कुछ देशों में बस्तर के महुए की काफी मांग है। इस वर्ष लगभग 200 क्विंटल महुआ विदेश भेजा जाएगा। स्थानीय वनोपज समितियों को एक्सपोर्ट क्वालिटी के महुआ संग्रहण के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। यही समितियां महुआ का संग्रहण कर उसकी पैकिंग का कार्य भी करेंगी। फूडग्रेड महुआ संग्रहण के लिए वन विभाग ने दरभा,लोहण्डीगुड़ा और बस्तर ब्लॉक के दो दर्जन से अधिक वन समितियों के माध्यम से इसको क्रय किया।

इस तरकीब से संग्रहण और सुखाया जाता है महुआ

संजीवनी के सीनियर मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव प्रवीण वर्मा ने बताया कि एक्सपोर्ट क्वालिटी का महुआ संग्रहण व सुखाने की पद्धति अलग है। इसके तहत महुआ के पेड़ के चारों ओर नेट या कपड़ा बांधकर इसमे पेड़ से महुआ गिरता है। नेट होने की वजह से यह नेट में ही एकत्रित हो जाता है। बाद में इसे एक कंटेनर में रखकर सुखाया जाता है जिसकी वजह से महुआ का कलर फेड नही होता और यह पूरी तरह से साफ रहता है बाद में इसी सूखा महुआ को फूडग्रेड लाइनर बोर में भरकर पैक किया जाता है ताकि इसमे नमी प्रवेश न करे ।

कूपोषण व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक

महुआ में प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेट और विटामिन पाए जाते है। इसलिए देश मे इसका उपयोग कुपोषण दूर करने में किया जा रहा है। बस्तर सहित कुछ इलाकों में महुए के लड्डू ,बर्फी,पकौड़े आदि बनाए जाते है। इसके बने लड्‌डू बच्चों व किशोरियों में कुपोषण और महिलाओं में खून की कमी दूर करने में सहायक है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। बच्चों, बड़ों और यहाँ तक कि गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ रखने और उनमें प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट की पूर्ति के लिए इसे खाया जाता है।

बस्तर के वन उत्पाद हाई ग्रेड के है। बस्तर में संग्रहित फूडग्रेड महुआ की विदेश में काफी मांग है। फेडरेशन के माध्यम से इस वर्ष हम इसका एक्सपोर्ट भी करने जा रहे है ।

मो.शाहिद
मुख्य वन संरक्षक बस्तर

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