वारदात

फ्रॉड केस: रेजिस्ट्रेशन और इंश्योरेन्स के नाम पर एजेंसी ने टीचर से की 3.50 लाख की ठगी, मामला दर्ज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से स्कोडा कंपनी की कार के रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस के नाम पर एजेंसी द्वारा एक टीचर से 3.50 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। जब टीचर की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और वे इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए बीमा ऑफिस गए तब जाकर उन्हें यह ज्ञात हुआ कि गाड़ी का इंश्योरेंस ही नहीं हुआ है। यहां तक कि बीमा कंपनी को एजेंसी की ओर से जो चेक दिया गया, वह भी बाउंस हो चुका था। लेकिन खास बात यह है कि टीचर ने जिस एजेंसी से कार खरीदी थी, वह भी अब बंद हो चुकी है। इसके बाद टीचर ने सिविल लाइन्स थाने में जाकर एजेंसी संचालक, अकाउंटेंट और स्टाफ के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है।
जानकारी के अनुसार, मिनोचा कालोनी निवासी सौरभ चतुर्वेदी पेशे से एक शिक्षक है। उन्होंने 23 मार्च 2020 को रायपुर रोड स्थित ग्रेंड मोटर्स से स्कोडा सुपर्ब LK कार खरीदी थी। इस दौरान कंपनी वालों ने उनसे कार के रजिस्ट्रेशन और बीमा के नाम पर 3.50 लाख रुपए ले लिए। लेकिन न तो उन्हें रजिस्ट्रेशन पेपर दिए गए और न ही इंश्योरेंस के पेपर दिए गए। ठीक इसी बीच अगस्त में उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया। उन्होंने कंपनी वालों से फिर से इंश्योरेंस और रजिस्ट्रेशन के पेपर मांगे। बार-बार कहने पर 31 दिसंबर को उन्हें इंश्योरेंस का कागजात दे दिया गया। कागजात में यह बताया गया कि 72820 रुपए एड ऑन बीमा के एवज में इंश्योरेंस कंपनी को दिए गए हैं।
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बीमा कंपनी के दफ्तर जाने पर सामने आया फ्रॉड
 क्लेम के लिए सौरभ न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के बिलासपुर स्थित कार्यालय में आवेदन जमा करने गए। वहां पर उन्हें कंपनी के अधिकारी अशोक नाथानी ने दावा की प्रक्रिया पूरी करने के बाद यह जानकारी दी कि बीमा के लिए दिया गया चेक बाउंस हो गया है। इसके उपरांत उन्हें एजेंसी संचालक के फ्रॉड का पता चला। सौरभ ने ग्रेंड मोटर्स शोरूम के मालिक अभिनव ऋषि, अकाउंटेंट वासुदेव, सेल्सपर्सन अरुण कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी करने का केस दर्ज कराया है। ऐसा कहा जा रहा है कि एजेंसी संचालक भाजपा नेता का भतीजा है।
 असम से कराया रजिस्ट्रेशन
शिक्षक ने पुलिस को जानकारी दी कि शोरूम संचालक और स्टाफ ने 12 महीने तक उनकी कार का रजिस्ट्रेशन नहीं किया था। वे बार-बार उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए कहते थे। इसपर शोरूम संचालक ने छत्तीसगढ़ के बजाय असम राज्य से रजिस्ट्रेशन कराया। साथ ही यह कह दिया कि बाद में असम से NOC लेकर छत्तीसगढ़ राज्य के परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन करा देगा। लेकिन आज तक उन्हें आरसी बुक की कापी नहीं दी गई और अभी तक छत्तीसगढ़ के परिवहन विभाग रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।
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लाकडाउन का बहाना बनाकर 9 महीने घुमाया
आगे शिक्षक ने पुलिस को बताया कि जब भी वह एजेंसी से संपर्क करते थे तो वे लोग हमेशा लॉकडाउन का बहाना बनाते। उन्होंने उन्हें 9 माह तक घुमाया। फिर ग्रेंड मोटर्स के संचालक और स्टाफ ने मिलकर शिक्षक से एडआन बीमा कराने की बात कही। उन्होंने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी में उनके नाम पर बीमा के लिए कागजात भी जमा कर दिए। इसके साथ ही निर्धारित राशि 72 हजार 820 रुपये का चेक नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को दिया। किंतु जब एक्सीडेंट के बाद वे शोरूम पहुंचे तो उन्हें यह पता चला कि यह बंद हो चुका है।

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