HDFC bank Merger : एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) के मर्जर को पिछले दिनों आरबीआई (RBI) ने अपनी मंजूरी दे दी थी। अब इस मंजूरी को लेकर नया अपडेट आया है। पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (Pension Fund Regulatory and Development Authority) ने एचडीएफसी लिमिटेड के अपने सहयोगी एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के साथ विलय को अपनी मंजूरी दे दी है।
जानकारी के अनुसार, PFRDA ने यह निर्देश दिया है कि उनके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे NPS लेने वाले ग्राहकों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
बता दें कि इस साल की शुरुआत में एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के निदेशक मंडल ने मर्जर की अनुमति दे दी थी। इस मर्जर पूरा करने के लिए बैंक को विभिन्न संस्थान से मंजूरी लेनी है। एक अनुमान के अनुसार, बैंक के पास एक करोड़ से अधिक NPS ग्राहक हैं।
एचडीएफसी बैंक ने बताया कि HDFC Bank को RBI ने एक लेटर भेजा है। इस लेटर में RBI ने विलय की योजना के बारे में किसी प्रकार का ऑब्जेक्शन नहीं किया है। कुछ खास शर्तों को पूरा करने के बाद ही विलय की प्रक्रिया पूरी होगी। इस विलय प्रस्ताव को कई तरह के रेगुलेटरी बॉडीज का भी एप्रूवल लेना होगा। RBI से पहले NSE और BSE से भी इसकी इजाजत मिल चुकी है। अभी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) और शेयरधारकों से अनुमति लेना बाकी है।
ग्राहकों पर होगा असर
HDFC और HDFC बैंक के विलय से एचडीएफसी की सब्सिडियरी कंपनियों का विलय भी एचडीएफसी बैंक में हो जाएगा। इससे एचडीएफसी बैंक काफी ताकतवर हो जाएगा। HDFC के ग्राहकों को एक ही जगह पर बैंकिंग और होम लोन समेत अन्य कई सारी सुविधाएं मिल जाएगी। इसके लिए अब तक ग्राहकों को अलग-अलग कंपनी या अलग-अलग ब्रांच जाना पड़ता है। अब एक ही ब्रांच में सारी सुविधाएं मिल जाएंगी।
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