भारत की तरफ आने वाली न्यूक्लियर मिसाइलों को ट्रैक करके उन्हें खत्म करने वाला आईएनएस ध्रुव आज लांच होने वाला है। इसके साथ ही भारतीय नौसेना के बेड़े में पहला न्यूक्लियर मिसाइल ट्रैकिंग जहाज भी शामिल हो जाएगा। इस जहाज को विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान की निगरानी के लिए लांच किया जा रहा है क्योंकि दोनों देश न्यूक्लियर मिसाइल दागने की क्षमता रखते हैं। एक बार अगर आईएनएस ध्रुव समंदर में उतर गया तो दुश्मन ऐसा करने की भी हिम्मत नहीं करेगा। इस जहाज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल विशाखापत्तनम में लांच करने जा रहे हैं।
डीआरडीओ व एनटीआरओ की मदद से बना है जहाज
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) के सहयोग से हिंदुस्तान शिपयार्ड के जरिए इस जहाज को बनाया गया है। बता दें कि इस जहाज को नौसेना की सामरिक बल कमान द्वारा संचालित किया जाएगा। लांचिंग समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह व एनटीआरओ के अध्यक्ष अनिल दासमान भी शामिल होंगे।
यह ताकत हासिल करने वाला भारत होगा छठा देश
आपको यह भी बता दें कि भारत, न्यूक्लियर मिसाइल ट्रैकिंग जहाज को अपनी नौसेना के बेड़े में शामिल करने वाला छठा देश होगा। इससे पहले फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस व चीन के पास ही यह क्षमता है। इस जहाज की विशेषता यह है कि यह न केवल दुश्मन की परमाणु मिसाइल को ट्रैक करता है बल्कि दुश्मन के सैटेलाइट का भी पता लगा सकता है।
जानिए कितने टन का है जहाज
जानकारी के अनुसार, आईएनएस ध्रुव का वजन करीब 10 हजार टन है। इसे लंबी दूरी के राडार, ट्रैनिंग एंटीना, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से लैस किया गया है। इस जहाज की तैनाती भी ऐसे समय पर होने जा रही है जब चीन की तरफ से हिंद महासागर में हलचल बढ़ गई है और वह एक निगरानी मिशन पर चल रहा है।
जानिए क्या है खासियत
इस जहाज की खासियत यह है कि यह भारत की ओर से आने वाली मिसाइलों का पता लगा लेने के बाद, इसका लैंड बेस्ड बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा सिस्टम उन्हें मार गिराएगा। इस जहाज को इलेक्ट्रॉनिक स्कैर एरे रडार से लैस किया गया है जो मिसाइल रेंज के सटीक डेटा को भी ट्रैक करने में सक्षम है। साथ ही साथ सर्विलांस सिस्टम के ऑपरेशन में भी जहाज को 14 मेगावाट बिजली की जरूरत होगी, जो आईएनएस ध्रुव खुद बनाने में भी सक्षम है। इस स्वदेशी जहाज का मूल्य करीब 725 करोड़ रुपये है।
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