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जानिए कौन हैं कालीचरण महाराज? जिन्होंने राष्ट्रपिता पर दिया विवादित बयान, राजनीति में भी आजमा चुके हैं हाथ…

काली भक्त कालीचरण महाराज फिर से सुर्खियों में हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्मसंसद में खुलेआम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी और नाथूराम गोडसे की सराहना करने के बाद कालीचरण लगातार खबरों में बने हुए हैं।
बापू के खिलाफ कालीचरण के इस बयान पर राजनीतिक दलों ने निंदा की और कालीचरण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। रायपुर के टिकरापारा थाना में कालीचरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। जिसके बाद गुरुवार को रायपुर पुलिस ने कालीचरण को मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया।
कौन हैं कालीचरण महाराज कैसा रहा इनका इतिहास?
कालीचरण का असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है जो मूलरूप से महाराष्ट्र के अकोला के शिवाजीनगर के रहने वाले बताए जाते हैं। बचपन में इन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। इसी कारण इनको इंदौर अपने मौसी के घर पर रहना पड़ा था। ऐसा बताया जाता है कि भय्यू महाराज के खामगांव स्थित आश्रम की व्यवस्थाओं को भी यही संभालते थे।
 कालीचरण महाराज की पढ़ाई महज आठवीं कक्षा तक हो पाई। उसके बाद वह पढ़ नहीं पाए। मगर इनके करीबी बताते हैं कि इन्होंने धर्मग्रंथों का गहन अध्ययन किया है। साथ ही ये कालीभक्त बताए जाते हैं। हिंदी भाषा के अलावा मराठी भी अच्छी तरह जानते हैं।
उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमा की सोची। साल 2017 में अकोला नगर निकाय चुनाव में उन्होंने भी अपनी किस्मत आजमाई थी, मगर हार गए।
इसके बाद साल 2019 के विधानसभा चुनाव में अकोला (पश्चिम ) विधानसभा सीट से वो प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने की चर्चा थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
डेढ़ वर्ष पहले कालीचरण महाराज उस समय सुर्खियों में आए थे जब उनकी एक वीडियो वायरल हुई थी। उस वीडियो में कालीचरण महाराज ने शिव तांडव स्रोत को गाया था। इस वीडियो के बाद कालीचरण काफी छा गए थे।

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