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Mahashivratri 2022: ऐतिहासिक होगी की महाकाल की शिवरात्रि, 11 लाख दीपों से सजाई जाएगी उज्जैन नगरी

uajjain mahakaal: शिव की नगरी उज्जैन(ujjain) में इस बार महाशिवरात्रि( Mahashivratri) पर ऐतिहासिक आयोजन होने वाला है। क्षिप्रा के घाट जगमगाएंगे और नगर का हर घर, हर डगर रोशन होंगे। 11 लाख दीपों से पूरी नगरी को सजाने की तैयारी है। इसके लिए शासन, प्रशासन के साथ सामाजिक संगठन व शहरवासी भी भागीदारी करेंगे। महाशिवरात्रि( Mahashivratri) पर शहर में पहली बार इतने बड़े स्तर पर दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
महाशिवरात्रि( Mahashivratri) पर 1 मार्च 2022 को एक साथ 11 लाख दीपों से शहर के सजाने के लिए अधिकृत तौर पर तैयारी शुरू हो गई है। भव्य आयोजन की रूपरेखा तय करने के लिए सोमवार को बृहस्पति भवन में बैठक हुई। इसमें उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, विधायक पारस जैन, कलेक्टर आशीष सिंह व एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल सहित अन्य अधिकारी व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे।बैठक में मंत्री यादव ने कहा कि दीपोत्सव आयोजन करने के लिए विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय कोर कमेटी का गठन किया जाएगा। यह समिति तय करेगी कि आयोजन को किस स्वरूप में मनाया जाना है। उन्होंने समाजजनों से आह्वान किया कि वे अपनी ओर से जिम्मेदारी लेते हुए दीपों की संख्या व उन्हें लगाने वाले स्थान स्पष्ट रूप से कमेटी को अवगत करवाएं।दीपोत्सव के लिए उन्होंने अभी से विभिन्न घटकों पर विचार करने के निर्देश दिए। साथ ही यादव ने आगामी गुड़ीपड़वा पर नगर का जन्मोत्सव मनाने के लिए इसकी पहले से तैयारी करने का कहा। दीपोत्सव के आयोजन को सफल बनाने के लिए समाजजनों ने भी सुझाव दिए। बैठक में निगमायुक्त अंशुल गुप्ता, यूडीए सीइओ एसएस रावत, स्मार्ट सिटी सीइओ आशीष पाठक, महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़, विवेक जोशी, महन्त विनीत गिरी आदि मौजूद थे।
शहर में निकली जाएगी शिव बारात
बैठक में विधायक पारस जैन ने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए आकर्षक नवाचार की बात कही। उन्होंने कहा एक दिन पूर्व शिव बारात निकालकर शहर में महाशिवरात्रि(Mahashivratri) पर होने वाले दीपोत्सव की सूचना प्रदान की जाना चाहिए। उन्होंने समाजवार दीपोत्सव की जिम्मेदारी लेने और व्यापारी एसोसिएशन को इस आयोजन में शामिल करने का भी कहा।
चौराहे चौको पर मानेगा दीपोत्सव
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि रामघाट व अन्य घाटों पर दीप प्रज्वलन की व्यवस्था समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा अपने हाथों में ली जाना चाहिए। उन्होंने शिप्रा तट पर स्थित विभिन्न घाटों पर दीप लगाने, विभिन्न मन्दिरों, सार्वजनिक भवनों और चौराहों पर भी दीपोत्सव मनाने की बात कही।
अभी से हो रही दीपों की व्यवस्था
एक दिन में एक साथ 11 लाख दीप जलाने की योजना है। इसके लिए इतनी बड़ी संख्या में दीपक उपलब्ध करना आसान नहीं होगा। बैठक में यूडीए के पूर्व अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल ने इस महत्वपूर्ण बिंदु को उठाया। उन्होंने कहा,
महाशिवरात्रि(Mahashivratri)पर 11 लाख दीप प्रज्वलित करने का लक्ष्य है। इतनी बड़ी संख्या में मिट्टी के दीपों की व्यवस्था के लिए अभी से प्रयास करना चाहिए।

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