Monkeypox: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया भर में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स (Monkeypox) पर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है. WHO के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि मंकीपॉक्स (Monkeypox) का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय है. डॉ टेड्रोस ने कहा कि फिलहाल मंकीपॉक्स (Monkeypox) का यह प्रभाव उन पुरुषों पर केंद्रित है जो पुरुषों के साथ संबंध रखते हैं, खासकर उनके जिनके कई यौन साथी हैं.
WHO प्रमुख के अनुसार, यह एक ऐसा प्रकोप है जिसे सही योजनाओं से रोका जा सकता है. इसके चलते उन्होंने कहा कि कलंक और पूर्वाग्रह किसी भी वायरस की तरह खतरनाक हो सकते हैं. इसलिए मैं सामाजिक संगठनों से अपील कर रहा हूं, जिनके पास एचआईवी से पीड़ित लोगों के साथ काम करने का अनुभव है, वे हमारे साथ मिलकर इस मंकीपॉक्स के प्रकोप से जुड़े कलंक और पूर्वाग्रह से लड़ने की अपील कर रहे हैं.
WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा है कि मंकीपॉक्स के मामले पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने पर केंद्रित हैं. क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि मंकीपॉक्स उन देशों में तेजी से फैल रहा है जहां पहले कोई मामला नहीं पाया गया था. रोग के अधिकांश मामले पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों पर केंद्रित होते हैं. हमारे उपाय संवेदनशील और कलंक या पूर्वाग्रह से मुक्त होने चाहिए.
WHO ने आज दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से मंकीपॉक्स के लिए निगरानी और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को मजबूत करने का आह्वान किया. डॉ. खेत्रपाल सिंह ने कहा, “वैश्विक स्तर पर मंकीपॉक्स का खतरा है और इसके अंतरराष्ट्रीय प्रसार की संभावना है. इसके अलावा हमें अभी भी संक्रमण के बारे में कई बातें नहीं पता हैं. हमें सतर्क रहने की जरूरत है.”
उन्होंने कहा कि 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में मंकीपॉक्स के 5 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 4 भारत से और एक थाईलैंड से है. भारत में मामले उन नागरिकों में हैं जो मध्य पूर्व से लौटे हैं. हालांकि, इनमें से एक मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं ह. जबकि थाईलैंड में रहने वाला एक विदेशी मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है.