मुख्यमंत्री के अल्टीमेटम के बाद भी पुलिस नहीं सुलझा पाई मर्डर मिस्ट्री, भोपाल से बुलाने पड़े एक्सपर्ट
रायपुर . राजधानी से लगे अमलेश्वर के पास ग्राम खुड़मुड़ा की मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए जिला पुलिस अब भोपाल के एक एक्सपर्ट की मदद ले रही है। सोमवार को पुलिस के आला अधिकारियों की मौजूदगी में घटना स्थल का मुआयना किया। री-क्रिएशन ऑफ क्राइम सीन के जरिए एक्सपर्ट कई साक्ष्य सामने लाए हैं ताकि पुलिस को शातिर हमलावर तक पहुंचने में मदद मिल सके ।
बता दें कि एक ही परिवार के चार लोगों के हत्या हुई है। मुखिया बालाराम सोनकर, उनकी पत्नी दुलारी बाई, बेटा रोहित और बहू कीर्तिन की हत्या करने वाला आरोपी आठ दिन बाद भी पुलिस के पकड़ से बाहर है। कोई ठोस सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है। बालाराम के 11 साल के पोते दुर्गेश पर भी प्राणघातक हमला किया है।
घटना को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस अधिकारियों को 10 दिन का टॉस्क दिया है। डीजीपी डीएम अवस्थी अब तक चार बार गांव आ चुके हैं। इससे पुलिस अधिकारी काफी दबाव में है। मामले को सुलझाने के लिए अब तक गांव व आस पास के करीब 500 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। आलम यह है कि पुलिस की पूछताछ के डर से अब लोग घर से बाहर निकलने से कतराने लगे हैं। कई लोग अपनी दुकान व खोमचे बंद कर दिया हैं। उन्हें यह डर है कि पूछताछ के लिए पुलिस पकड़कर थाना तो नहीं ले जाएगी। यहां तक कि दुलारी बाई के साथ सब्जी बेचने रायपुर शास्त्री बाजार जाने वाले लोगों की संख्या भी अब कम हो गई है।
सीसीटीवी कैमरे और टावर डंप खंगाल रही पुलिस
दुर्ग जिले की साइबर एक्सपर्ट टीम अब तक करीब 75 सीसीटीवी कैमरे खंगाल चुकी है। इधर घटना स्थल बाड़ी, ग्राम खुड़मुड़ा, भाठागांव और शास्त्री मार्केट के मोबाइल लोकेशन का टावर डंप डिटेल पुलिस ने निकाला है। घटना के समयानुसार कितने मोबाइल एक्टिव थे पुलिस उसकी नम्बरिंग कर रही है। संदिग्ध मोबाइल धारकों को बुलाकर पूछताछ भी की जा रही है।
दुलारी ने अपनी बेटी से की 26 मिनट बात
बता दें कि बालाराम व दुलारी बाई के चार बेटे और दो बेटियां है। एक छोटा बेटा लापता है। बाकी सभी बेटे-बेटियों की शादी हो चुकी है। बड़ी बेटी राजनांदगांव और छोटी ओडि़सा बार्डर खरियार में शादी होकर गई है। पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि दुलारी बाई ने घटना से पहले शाम को अपनी एक बेटी से 26 मिनट तक रोहित के मोबाइल से बात की है। हालांकि पुलिस को इस पारिवारिक बातचीत से सुराग हासिल करने में कोई मदद नहीं मिली है।