बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय ने आज प्रार्थना भवन में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों की जनसुनवाई की। इस दौरान एक आवेदिका ने कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायत की।
आवेदिका ने अपनी शिकायत में बताया कि अनावेदक उच्चाधिकारी है, वे नशे की हालत में छेड़छाड़ करते हैं और पैसों की मांग करते है। इसके अलावा सीआर खराब करने की धमकी भी देते हैं। महिला आयोग ने आवेदिका को कार्य स्थल पर गठित आंतरिक परिवाद समिति में शिकायत करने के लिए कहा।
डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि सभी कार्य क्षेत्र में आंतरिक परिवाद समिति का गठन अनिवार्य है और इसको डिस्पले भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर कामकाजी महिला को इसकी जानकारी होनी चाहिए। आज सुनवाई के दौरान महिला आयोग ने 4 प्रकरणों में अनावेदकों को थाना प्रभारी के माध्यम से उपस्थित कराने के निर्देश दिए।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि गाड़ी के साईलेन्सर से 17 जुलाई 2020 को उनके पति का हाथ जल गया था। ईलाज के लिए वे उसे अस्पताल लेकर गए और चोट के ऑपरेशन के नाम पर उन्हें इंजेक्शन लगाया गया और ईलाज किया गया। इससे 19 जुलाई 2020 को उनके पति की मृत्यु हो गई। अब डॉक्टर स्वयं को निर्दाेष बता रहे हैं। इसके बाद आयोग ने यह निर्णय लिया कि दोनों डॉक्टर का नाम पता एवं मोबाईल नंबर आयोग के सामने प्रस्तुत किया जाए ताकि अगली सुनवाई की जा सके।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने शिकायत की कि अनावेदक मकान के रिपेयर के लिए उन्हें परेशान कर रहे है। यह मकान सीटी कोतवाली के अधीन है। महिला आयोग ने थाने से महिला आरक्षक को भेजकर आवेदन करने वाली महिला की समस्या का निराकरण करने की जिम्मेदारी एडीशनल एसपी सुश्री गरिमा द्विवेदी को दी। एडीशनल एसपी की रिपोर्ट आने के बाद प्रकरण में निर्णय लिया जाएगा। एक अन्य प्रकरण में पार्षद शहजादी कुरैशी को समन्वयक बनाया गया है जिससे प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
आज आयोजित की गई सुनवाई में लगभग 40 प्रकरण रखे गये थे, जिनमें से 30 बिलासपुर जिले के एवं 10 मुंगेली जिले के प्रकरण थे। सुनवाई के दौरान 4 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गए। सुनवाई के दौरान जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक, अभयनारायण, बिलासपुर के जनप्रतिनिधिगण एवं महिला एवं बाल विकास विभाग सहित पुलिस प्रशासन के भी अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।
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