रायपुर। आरडीए प्रबंधन की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। आरडीए ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर नगर निगम के नाले को बेचने की योजना बना ली है। इसके लिए बाकायदा विज्ञापन भी जारी किया गया है। शहर के हृदय स्थल बॉम्बे मार्केट में तकरीबन 56 साल पहले आरडीए ने 38 दुकानें बनाई थी, जिनकी लीज खत्म हो चुकी है। इनमें से 25 दुकाने नाले के ऊपर 120 वर्ग फीट में बनी हुई हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि जमीन कहीं नहीं और नाले पर बनी दुकानों का 10 हजार 213 रुपए वर्ग फीट आरडीए ने कीमत तय की है। स्लैब के ऊपर 120 वर्ग फीट पर दुकानें बनी हुई हैं। इन दुकानों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए नगर निगम जोन-2 ने आरडीए को पत्र भी लिखा है।
जब आरडीए ने पत्राचार पर कोई जवाब नहीं दिया तो निगम ने पंजीयन विभाग को पत्र लिखकर उक्त दुकानों की रजिस्ट्री पर रोक लागने के लिए कहा है। जिन दुकानों को नगर निगम अवैध बता रहा है उसी को बेंच कर आरडीए साढ़े तीन करोड़ कमाने की तैयारी कर रहा है। सवाल यह है कि जमीन नहीं है स्लैब में दुकानें हैं तो आरडीए क्या बेच रहा है।
बॉम्बे मार्केट से भीतर से ही एक नाला गुजरता है, जिसमें शहर के बड़े इलाके का पानी बहता है। रायपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा 17 सितंबर 2021 को फ्री होल्ड करने 51 दुकानों के विक्रय के लिए विज्ञापन जारी किया था। जिसमें नाले के उपर बनी हुई डी सीरीज की दुकानें भी शामिल हैं। रायपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा इन सभी दुकानों का पुन: विक्रय किया जा रहा है।
व्यापारियों का यह कहना
बॉम्बे बाजार के व्यापारी अनूप गुप्ता का कहना है कि जिन दुकानों को तोडऩे की बात नगर निगम और जिला प्रशासन कह रहा है उसे आरडीए बेंचने की प्रक्रिया कर रहा है। हम दुकानें खरीद भी लेते हैं तो यदि जल भराव के समय निगम तोड़ता है तो फिर ऐसी स्थिति में आरडीए उसपर आपत्ति करने को भी तैयार नहीं है।
व्यापारियों की आफत
यहां छोटे व्यापारी लगभग 30 वर्षों से इन दुकानों में अपने-अपने व्यवसाय का संचालन कर रहे हैं। आरडीए के द्वारा इस प्रकाशित विज्ञापन के बाद सभी व्यापारियों ने आरडीए के अधिकारियों को समस्या बताई कि कभी भी जलभराव होने के कारण तोड़ी जा सकती है। ऐसे में विस्थापन की स्थिति में नई दुकानें मार्केट में ही मिलेंगी। जिस पर आरडी ने उचित जवाब नहीं दिया। व्यापारियों की समस्या है कि उन्हें व्यवसाय वंचित होने तथा दुकानों के स्वामित्व का अधिकार समाप्त हो जाने का भय बना हुआ है।
नगर निगम लगा चुका है आपत्ति
नगर पालिका निगम, रायपुर के समक्ष जनसूचना के अधिकार के तहत जानकारी की मांग की गई थी। जिसमें नगर पालिका निगम, जोन-2 के द्वारा जानकारी दी गई। जानकारी के मुताबिक नगर निगम जोन-2 के कमिश्नर ने आरडीए के सीईओ को 24 सितंबर 2021 को पत्र भेज कर नाले पर बनी हुई, सभी दुकानों के विक्रय के लिए निविदा पर रोक लगाने का निवेदन किया था।
इसके अलावा उक्त दुकानों का पूर्व स्वीकृत ले-आउट मांग था। जिस पर आरडीए ने ना तो निविदा निरस्त की ना ही दुकानों के लेआउट की कॉपी निगम को दी है। 29 अक्टूबर 2021 को फिर नगर निगम ने पत्र लिखकर आरडीए को ले-आउट उपलब्ध नही कराए जाने पर निर्मित दुकानें अवैध होना बताया है।
नाले पर खुद आरडीए नें ही बनाकर लीज पर दी दुकानें
वर्षों पूर्व बॉम्बे मार्केट में डी-सीरीज में बनी सभी दुकानों के नीचे एक बड़ा नाला बहता है। जिसमें शहर की सारी गंदगी बहती है। इस नाले पर दुकानें खुद आरडीए नें ही बनाकर लीज पर दी थी। सुप्रीम कोर्ट नें किसी भी तरह की वाटर बॉडी को बेंचने पर रोक लगा रखी है।
वर्तमान में इन डी-सीरीज के सभी दुकानों की हालत जर्जर हो चुकी है। छोटे व्यापरियों द्वारा अपने स्वयं के खर्च पर रखरखाव, मरम्मत तथा रंगरोंगन आदि किया जाता रहा है। नगर निगम मानता है कि जब भी जलभराव की स्थिति होगी तो दुकानें तोड़ी जा सकती हैं।
अब इस मामले में विनोद पाण्डेय ने कहा कि आरडीए से पत्राचार किया गया है। आग्रह किया गया है कि जल भराव और जन हित में दुकानों को तोड़ा जा सकता है। आरडीए से प्रोजेक्ट का पूर्व की ले-आउट की कॉपी मांगने पर भी नहीं मिली है। हमनें पंजीयन विभाग को पत्र लिखा है कि उक्त दुकानों की रजिस्ट्री न की जाए।
वहीं, वार्ड पार्षद अनवर हुसैन ने कहा, नाले के ऊपर की दुकानों को बेचने की प्रक्रिया की जा रही है। भविष्य मेजल भराव के कारण दुकानें तोड़ी जा सकती है। आरडीए मनमानी करते हुए लेआउट भी नहीं दे रहा है। नियम विरुद्ध आरडीए काम कर रहा है।
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