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Russia Ukraine Conflict: कैसा रहा है भारत का यूक्रेन के साथ रिश्ता, आज भारत से मांग रहा है मदद, कभी भारत के परमाणु परीक्षणों का किया था विरोध

Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन में युद्ध पहले ही शुरू हो चुका है और कई हमलों को अंजाम देने के बाद, रूस अब यूक्रेनी सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए कह रहा है। ऐसे में यूक्रेन दुनिया भर की तमाम बड़ी ताकतों से रूस को रोकने की गुजारिश कर रहा है।
इसने भारत सरकार से रूस पर दबाव बनाने की भी अपील की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत से शांति के लिए रूस के साथ बातचीत करने का आग्रह करते हुए कहा है कि भारत के रूस के साथ अच्छे संबंध हैं।
गुरुवार को भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने पीएम मोदी से रूस के साथ तनाव कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अनुरोध करते हुए कहा कि पीएम मोदी और वलोडिमिर पुतिन एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।
दरअसल, यूक्रेन भारत के प्रभाव को स्वीकार कर रहा है और चाहता है कि पीएम मोदी इसमें दखल दें। इससे पहले कि हम यूक्रेन के बारे में बात करें, दोनों देशों के बीच संबंधों को जानना जरूरी है। क्योंकि, पहले भारत के साथ यूक्रेन के संबंध अच्छे नहीं थे।
जब भारत ने परमाणु परीक्षण किया, तो यूक्रेन उन देशों में शामिल था जिन्होंने 1998 में भारत के परमाणु परीक्षणों का कड़ा विरोध किया और 1998 के परमाणु परीक्षण के बाद सुरक्षा परिषद में भारत के कदम की निंदा की।
गौरतलब है कि 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन शक्ति’ नाम के पांच परमाणु परीक्षण कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। उस समय के दौरान, 25 अन्य देशों के साथ यूक्रेन ने भारत के परमाणु परीक्षणों की कड़ी निंदा की और संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रस्ताव 1172 के पक्ष में मतदान किया।
इसके तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पारित किए गए इस प्रस्ताव में माग की गई थी भारत अपने परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाए और एनपीटी और सीटीबीटी पर हस्ताक्षर करे। प्रस्ताव में भारत से परमाणु कार्यक्रम बंद करने, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास और उत्पादन को रोकने के लिए भी कहा गया है। इन सब में यूक्रेन ने यूएन का साथ दिया।
आज हम सब कह रहे हैं कि रूस के आक्रमण से यूक्रेन एक बड़े संकट का सामना कर रहा है। दरअसल यूक्रेन अपने ताकतवर दोस्तों के साथ रहना चाहता है, लेकिन रूस के मामले में अमेरिका भी उसकी मदद नहीं कर पा रहा है। करीब 22 साल पहले भारत की सुरक्षा जरूरतों के खिलाफ खड़ा हुआ यूक्रेन आज चाहता है कि भारत उसके साथ खड़ा रहे। वहीं अगर रूस की बात करें तो भारत के साथ अहम रक्षा सौदे हुए हैं और रूस हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है।

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