रायपुर। नामांतरण और भुईंया में ऑनलाइन रेकार्ड अपडेट करने के नाम पर वसूली करने के मामले में एसडीएम ने दो पटवारियों को निलंबित कर दिया है। लगातार इसकी शिकायत मिल रही थी कि पटवारियों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है। पूरे दस्तावेज होने के बावजूद नामांतरण व प्रमाणीकरण में विलंब किया जाता है। बतादें कि शासन नें जमीन और मकान की रजिस्ट्री के बाद स्वत: नामांतरण का नियम है।
इसके बाद भी खुलेआम नामांतरण में अपना प्रतिवेदन देने और भुईंया में रिकार्ड अपडेट करने का सुविधा शुल्क पटवारियों द्वारा लिया जाता है। पटवारी हल्का क्रमांक 49 की महिला पटवारी का एक वीडियों नामांतरण के लिए 2000 रुपए मांगने क एसडीएम के पास पहुंचा था। एसडीएम ने उक्त मामले में कार्रवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उनकी जगह पर हल्का क्रमांक 51 के पटवारी नरेंद्र कुमार सोनी को प्रभार दिया गया है। इसी तरह रावांभाठा हल्का क्रमांक 86 के पटवारी को भी इसी तरह की शिकायत पर निलंबित कर तहसील कार्यालय अटैच कर दिया गया है। बतादें कि बीते तीन माह में चार पटवारियों पर इस तरह की कार्रवाही की जा चुकी है।
अस्टिेंट रखकर अधिकांश हल्कों में हो रही है वसूली
बतादें कि पटवारी की अवैध वसूली अधिकांश हल्कों में चल रही है। अब वीडियो व स्टिंग से बचने के लिए पटवारियों ने अपने कार्यालय में दलाल रख लिए हैं। जिनके माध्यम से वसूली की जाती है। अस्टिेंट के माध्यम से पटवारी कार्यालयों का काम किया जाता है।
पटवारियों को नामांतरण में पैसे लेने के वीडियों मिलने पर निलंबित कर दिया गया है। दोंनो अभी तहसील कार्यालय अटैच कर दिया गया है।
– प्रणव सिंह, एसडीएम, रायपुर
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