सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट (सीएसई) की वार्षिक रिपोर्ट स्टेट ऑफ इंडियाज एन्वायरन्मेंट 2021 में यह दावा किया गया है कि कोविड-19 संक्रमण की वजह से बच्चों का शारीरिक विकास सर्वाधिक प्रभावित होगा। बच्चों की मृत्युदर में भी इजाफा हो सकता है और उनकी पढ़ाई-लिखाई भी बीच में ही छूट सकती है। बता दें कि यह रिपोर्ट सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण सहित देश भर के 60 से अधिक पर्यावरणविदों ने एक साथ वर्चुअली जारी की है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब एक ‘महामारी जनरेशन’ में प्रवेश करने के लिए तैयार है। 37.5 करोड़ बच्चे (नवजात से लेकर 14 साल की उम्र तक) लंबे समय तक चलने वाले कोरोना के कुप्रभावों की चपेट में आ सकते हैं। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने से यह कुप्रभाव कम वजन, कम लंबाई और मृत्यु दर में वृद्धि से लेकर शिक्षा के नुकसान के रूप में भी सामने आ सकता है।
विश्व भर में पचास करोड़ से ज्यादा बच्चे स्कूल से बाहर हो गए हैं। इसमें आधे से ज्यादा बच्चे भारत में हैं।
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण का कहना है कि अब यह जांच करने का समय आ गया है कि कोरोना महामारी हमारे लिए दीर्घावधि में क्या छोड़ने वाली है। एक खोई हुई पीढ़ी, जो अस्वस्थता, कुपोषण, गरीबी और शैक्षणिक उपलब्धियों में दुर्बलता से घिरी हुई है।
चुनौती यह भी है कि पर्यावरण का उपयोग सतत विकास के लिए किया जाए, ताकि जलवायु-जोखिम वाले समय में हम आजीविका, पोषण सुरक्षा में सुधार कर सकें।
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