पृथ्वी को जीवनदायिनी कहा जाता है क्योंकि इसके संसाधनों के द्वारा ही मनुष्य का पूरा जीवन यापन हो पाता है आज के समय में हम जीवनदायिनी पृथ्वी से उसकी सारी अमूल्य वस्तुओं का केवल दोहन किए जा रहे हैं और बदले में पृथ्वी को केवल प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं दे रहे हैं। यदि अब पृथ्वी के अमूल्य धरोहर वनस्पति, खनिज की रक्षा नहीं की गई तो यह हमारे लिए ही एक बड़ी समस्या बन जाएगी। ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी पृथ्वी को संरक्षित रखे।
जानिए क्यों मनाया जाता है पृथ्वी दिवस
विश्व स्तर पर लोगों को पर्यावरण के संरक्षण तथा पृथ्वी के महत्व को बताने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। हमें पृथ्वी से जुड़ी समस्याओं का पता है पर उनके निवारण के लिए एक नया कदम उठाते हुए इस दिन की शुरुआत हुई, जो लोगों को जागरुक करके पृथ्वी को बचाने के उनके कर्तव्य का बोध कराती है।
‘पृथ्वी दिवस’ या ‘अर्थ डे’ शब्द को सबसे पहले जूलियन कोनिग ने प्रकाश में लाया था और उनका जन्मदिन 22 अप्रैल को ही होता था इसीलिए इस दिन को अर्थ डे के रूप में मनाया जाता है उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जन्मोत्सव पर यह दिवस मनाने का फैसला लिया गया था।
पृथ्वी दिवस के पीछे का इतिहास
पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत 1970 से हो गई थी। दरअसल, इसके 1 वर्ष पहले ही दुनिया ने कैलिफोर्निया में तेल रिसाव की त्रासदी को दुनिया ने आंखों से देखा था। इस आपदा में बहुत लोगों की मृत्यु हुई थी इससे सीख लेते हुए लोगों द्वारा पर्यावरण संरक्षण की ओर एक पहल की गई और पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत की गई। पृथ्वी दिवस की शुरुआत अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन ने पर्यावरण की शिक्षा के तौर पर किया था।
हर साल पृथ्वी दिवस पर अलग-अलग थीम रखी जाती है ताकि ग्लोबल वॉर्मिंग पर्यावरण प्रदूषण एवं पृथ्वी में होने वाली अन्य समस्याओं से लोगों को जागरुक किया जा सके और विश्व भर में सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण का निर्माण किया जा सके। हर बार एक नई थीम चुनी जाती है और उस पर नारे तैयार किए जाते हैं। इस बार 2022 के अर्थ डे पर “invest in our planet” थीम रखी गई है जिसका मतलब है अपनी धरती पर निवेश करें इस थीम को साथ लेकर इस बार पृथ्वी दिवस मनाई जाएगी।