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देश भर में युवाओं का विरोध तेज, एक्सपर्ट बोले सरकार के लिए न बन जाए ‘अग्निपथ’…

सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ स्कीम’ का देश भर में विरोध तेज हो गया है। 14 जून 2022 को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना में शामिल होने के लिए केंद्र सरकार ने अग्निपथ स्कीम की शुरुआत की थी। अग्निपथ स्कीम में युवाओं को चार साल के लिए तीनों सेनाओं में भर्ती होने का मौका मिलेगा। इस मौके पर भारतीय सेना के तीनों सेना प्रमुख मौजूद थे। जहां राजनाथ सिंह ने इस स्कीम के फायदों के साथ बताया अग्निपथ स्कीम के योद्धाओं को अग्निवीर (Agniveer) कह कर पुकारा जाएगा। तो वहीं रक्षा विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं।

सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ स्कीम’ का देश भर में विरोध तेज हो गया है। दूसरे दिन भी छात्रों का उग्र प्रदर्शन जारी हैं। अग्निपथ को लेकर बिहार के जहानाबाद और बक्सर में छात्रों ने जमकर बवाल किया। छात्रों ने जहानाबाद में NH-83 और NH-110 की सड़कों को जाम कर आगजनी, पथराव किया। आरा में छात्रों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर सरकार के खिलाफ जम कर प्रदर्शन किया।

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हरियाणा के गुरुग्राम में भी ‘अग्निपथ स्कीम’ का विरोध हो रहा है। गुरुग्राम में भी छात्रों ने दिल्ली-जयपुर हाइवे को जाम किया। युवाओं का कहना है कि फौज में पिछले 3 साल से भर्ती नहीं की गई और अब अग्निपथ स्कीम से सिर्फ 4 साल के लिए भर्ती की जाएगी।
रक्षा विशेषक्ष पीके सहगल ने कहा की सरकार की यह स्कीम बहुत खराब है। यह स्कीम सरकार के लिए अग्निपथ साबित हो सकता है। हमारे देश में बेरोजगारी बहुत है। Agniveer

अग्निपथ स्कीम में युवा फौज को ज्वाइन करेंगे लेकिन चार साल बाद उन्हें निराशा हाथ लग सकती है। उन्होनें कहा कि हर साल 55000 से ज्यादा जवान आर्मी, एयरफोर्स या नेवी से रिटायर होते हैं। लेकिन उन में से 1 या 2% लोगो को ही नौकरी मिलपाती है। 4 साल बाद अग्निवीरों को महसूस होगा कि सरकार और सेना ने इनका इस्तेमाल करके इनको सर्टिफिकेट पकड़ा कर फेंक दिया है। साथ ही ये भी कहा की मेहमान सैनिकों के दम पर जंग नहीं जीती जा सकती।

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