43rd International Tournament: बार्सिलोना (स्पेन) में 43 वीं इंटरनेशनल टूर्नामेंट आयोजित की गई है। इस मैच में कल भिलाई के धनंजय ने अपने अपोनेंट शरण राव को काले मोहरे से खेलकर शिकस्त देते हुए 6.5 अंको के साथ बढ़त बना ली है। बता दें कि यह स्पर्धा 9 चक्रों में सम्पन्न होने वाली है। अब इस स्पर्धा में केवल एक चक्र बाकी है।
स्पर्धा के 9 वें चक्र में धनजंय अपने हमवतन खिलाड़ी ओजस कुलकर्णी से मुकाबला करेंगे। धनंजय को चैंपियन बनने के लिए इस मुकाबले में जीत हासिल करनी होगी। फ्रांस के फीडे मास्टर पिगेटअलेक्जेंड्रे भले ही धनंजय से आधा अंक पीछे चल रहे है लेकिन 6 अंकों के साथ वे दूसरे टेबल पर बने हुए हैं।
कल जो मैच खेला गया उसमें धनंजय ने जादुई खेल का प्रदर्शन करते हुए अपने विपक्षी को 42 वीं चाल में हार मानने के लिए विवश कर दिया। धनंजय ने शुरुआती चालों से ही आक्रामक शैली को अपनाते हुए अटैक करना शुरू कर दिया था। दोनों तरफ के प्यादों को सेंटर में लाने के बाद 14 वीं चाल में अपने एक घोड़े को विपक्षी के हाथों पीटने दिया और 17 वीं चाल में उनके ऊंट को प्यादे से पीटकर न सिर्फ भरपाई की बल्कि उनके एक हाथी को भी मारकर बढ़त बना ली। इसी तरह से 41वीं चाल में एफ फ़ाइल के प्यादे को चलकर अपने एक हाथी को बेजोर रखते हुए मात का एक ट्रेप बनाया किंतु अपोनेंट के ट्रेप में नहीं फसने पर अपने दूसरे हाथी की बलिदानी दे दी।
आखिर में 46 वीं चाल में शरण राव ने हार मान लेना ही ठीक समझा क्योंकि न तो इनके प्यादे को वजीर बनने से रोक पा रहे थे न ही जंग जीतने के लिए उनके पास पर्याप्त मोहरे थे। खेल के अंत में धनंजय के पास एक हाथी और ऊंट की बढ़त थी।
इस स्पर्धा में धनंजय के बेहतरीन परफॉर्मेंस को देखने के बाद ऐसा जान पड़ता है कि अब उन्हें चैंपियन बनने से कोई नही रोक सकता। धनंजय ने स्पेन जाने से पहले हैदराबाद में भी बहुत ही खेल में बहुत ही बेहतरीन परफॉरमेंस देते हुए ऑल इंडिया ओपन रेटिंग में तीसरा स्थान हासिल कर पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया था।
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