क्वारंटाइन सेंटर में मजदूरों को खिलाया गया 580 रुपए प्रति किलो का टमाटर, RTI में हुआ खुलासा, विधायक बोले गजब कर दिया
भले ही कोरोना लॉकडाउन में लोग घरों में कैद है, रोजी-रोटी का कोई ठिकाना नहीं है। लेकिन इस भयंकर स्थिति में कुछ लोग ऐसे है जो अपनी जेब भरने में लगे हुए है चाहे वो क्वारंटाइन सेंटर में 580 रूपए के टमाटर खिलाकर ही क्यों न हो, लेकिन छत्तीसगढ़ के कांकेर के एक ही कोरन्टाइन सेंटर का हाल ऐसा नहीं बल्कि दूसरें कई मामले सामने आ रहे है जिसमें प्रवासी मजदूरों और बहार से लोगो के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है।
छत्तीसगढ़ के एक क्वारंटाइन सेंटर में 580 रुपए प्रति किलो की दर से टमाटर खरीदने का मामला सामने आया है. कांकेर जिले के इमलीपारा क्वारंटाइन सेंटर में टमाटर की ये महंगी खरीदी की गई है. स्थानीय जनप्रतिनिधि इसे भ्रष्टाचार का खुला खेल बता रहे हैं तो वहीं अफसर इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं. लॉकडाउन के दौरान इमलीपारा के क्वारंटाइन सेंटर में अन्य राज्य से आने वाले मजदूर व छात्र-छात्राओं को ठहराया गया था. इन लोगों की खाने की व्यवस्था में जमकर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया जा रहा है.
सूचना का अधिकार के तहत मिले दस्तावेजों से इस मामले का खुलासा हुआ है. दी गई जानकारी के मुताबिक इमलीपारा क्वारंटाइन सेंटर में सब्जी बनाने के लिए टमाटर प्रति किलो 580 रुपए की दर से खरीदने का बिल लगाया गया है. जबकि उस वक्त टमाटर की अधिकम कीमत 20 रुपए प्रतिकिलो बताई जा रही है. साथ ही अन्य सब्जियों का कीमत भी बाजार मूल्य से अधिक बिल लिखा गया है.
कौन है जिम्मेदार
इमलीपारा क्वारंटाइन सेंटर में खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग को जिला प्रशासन ने जिम्मेदारी सौपी थी. विभाग के जिम्मेदारों ने बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदी करने का बिल लगाया है. इसका भुगतान भी विभाग ने कर दिया है. इतना ही नहीं क्वारंटाइन सेंटर के लिए खरीदी की गई सामग्री के बिल में जीएसटी व टिन नंबर तक नहीं दिया गया है. दस्तावेजों के मुताबिक इस क्वारंटाइन सेंटर में लॉकडाउन के दौरान व्यवस्था बनाने के लिए 1 करोड़ 67 लाख रुपए खर्च किए गए हैं.
अफसरों ने साधी चुप्पी, नेताओं ने की कार्रवाई की मांग
इमलीपारा के क्वारंटाइन सेंटर में बाजार मूल्य से काफी महंगे दर पर टमाटर व अन्य सब्जियों की खरीदी को लेकर स्थानीय विधायक व राज्य सरकार में संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी ने कार्रवाई की मांग की है. शिशुपाल ने कहा कि अफसरों द्वारा किया गया भ्रष्टाचार का ये खुला खेल है. अफसरों ने गजब कर दिया. इसके जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग वो सरकार से करेंगे. मामले में प्रशासन का पक्ष के लिए कांकेर कलेक्टर केएल चौहान को कॉल किया गया, कॉल रीसिव होने के बाद कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद मैसेज करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला.