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पाबंदियो के साथ मनाया जाएगा गणेशोत्सव, इन शर्तों के साथ गजानन की प्रतिमा स्थापित करने की इजाजत

रायपुर। भारत में पारंपरिक त्योहारों का विशेष महत्व है चाहे वो दीपावली हो, होली हो, जन्माष्टमी हो या फिर गणेश उत्सव हो। लेकिन कोरोना महामारी ने इन उत्सवों का मज़ा भले ही फीका कर दिया हो, श्रद्धा अभी भी लोगों में एक नया उत्साह भर देती है।
छत्तीसगढ़ में गणेशोत्सव 30 दिनों तक मनाया जाता है। ऐसे में मूर्तिकार और आयोजक गणेशोत्सव से जुड़े दिशा निर्देश जारी नहीं होने से असमंजस में पड़ गए थे। किंतु अब उनकी ये दुविधा दूर हो गई है क्योंकि सरकार ने गणेशोत्सव की गाइडलाइन जारी कर दी है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार भी नियमों और बंदिशों की साथ गणेश उत्सव मनाने की अनुमति दी गई है।
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रायपुर जिला प्रशासन ने 10 दिवसीय गणेश उत्सव के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी है। गाइडलाइन्स में इस बार 26 पाइंट्स जोड़े हैं, जिनका सख्ती से पालन करना होगा। गणेश उत्सव के दौरान पंडाल में 20 लोग ही होंगे इससे ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर मनाही है।‌ पंडाल का आकार भी 15 फीट से बड़ा नहीं होना चाहिए और मूर्ति 4 फीट से ऊँची नहीं होनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति दर्शन के लिए आता है और बाद में संक्रमित पाया जाता है तो उसके ईलाज-पानी का सारा जिम्मा आयोजक को उठाना होगा।
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घर पर मूर्ति स्थापना हेतु लिखित अनुमति
घर के अंदर मूर्ति स्थापित करने के लिए कोई मनाही नहीं की गई है किंतु वहीं अगर आपको घर के बाहर मूर्ति स्थापित करनी है तो नगर निगम से एक लिखित अनुमति पत्र लेनी होगी और उसके लिए आपको कम से 7 दिन पहले आवेदन करना होगा। कॅटेटमेंट जोन में प्रतिमा स्थापित करने पर मनाही है। क्षेत्र अगर बाद में भी कंटेटमेंट जोन घोषित होता है तो पूजा वहीं रोक दी जाएगी।दर्शन के लिए भी सभी व्यक्तियों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
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मूर्ति स्थापना से लेकर विसर्जन तक के लिए होंगे नियम
जिला प्रशासन की ओर से इस बार झांकी की भी अनुमति नहीं दी गई है। मूर्ति 4 फीट और पंडाल 15 फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पंडाल में कुर्सियां पर पाबंदी होगी, साथ ही 20 से ज्यादा लोग एक बार में वहां मौजूद नहीं होंगे। यहाँ तक कि पूजा पंडाल में मूर्ति दर्शन के लिए आने वाले लोगों का भी नाम पता और मोबाइल नंबर लिखना होगा जिससे संक्रमित मिलने पर उसका कांटेक्ट मिल सके।
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पंडाल में सीसीटीवी लगाने की भी अपील की गई है साथ ही बिना मास्क के मूर्ति दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।आने-जाने वालों के लिए अलग-अलग व्यवस्था का प्रबंध आयोजक द्वारा किया जाएगा। सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवॉश, क्यू मैनेजमेंट की व्यवस्था पंडाल में होनी चाहिए। थर्मल स्क्रीनिंग में अगर थोड़ा भी बुखार मिला तो पंडाल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
अगर पंडाल में दर्शन के लिए आया व्यक्ति अगर संक्रमित मिलता है तो आयोजकों को पूरा खर्च उठाना होगा। इस बार उत्सव में जगराता,भंडारा आदि कार्यक्रमों को आयोजित करने की मनाही होगी। पूजा के दौरान प्रसाद व चरणामृत भी को बांटने की अनुमति नहीं होगी।
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विसर्जन यात्रा होगी ऐसे
मूर्ति विसर्जन के लिए भी प्रशासन ने कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक विसर्जन में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पाबंदी होगी। विसर्जन के लिए एक छोटी गाड़ी का इस्तेमाल करना होगा। चार से अधिक लोग शामिल नहीं होंगे।मंडप से विसर्जन स्थल तक वाहन सीधे जाएगी वाहन को कहीं बीच में रुकने की अनुमति नहीं होगी। रास्ते में कहीं भंडारा,भोज का आयोजन नहीं होगा। विसर्जन यात्रा भी प्रशासन के निर्धारित रास्ते से ही की जाएगी। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते इन सब गाइडलाइन्स का पालन करते हुए ही गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।

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