जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर में पुलिस ने अपनी भारी-भरकम टीम के साथ एक ऐसे मामले को सुलझाया है, जिसे लेकर चारों ओर उसकी चर्चा हो रही है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि जयपुर में चार साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या में कथित रूप से शामिल आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 700 सौ पुलिसकर्मियों को लगाया गया और इससे भी खास बात यह है कि इन पुलिसवालों को मामले को सुलझाने में महज 20 घंटे लगे।
टीम का नेतृत्व करने वाले जयपुर (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक शंकर दत्त शर्मा ने कहा कि यह आसान काम नहीं था। उन्होंने कहा कि आरोपी 25 वर्षीय सुरेश कुमार के पास मोबाइल फोन भी नहीं था। शर्मा ने कहा कि सुरेश कुमार घर जा रहा था, जब उसने लड़की को उसके घर के बाहर देखा। वह कथित तौर पर उसे उठाकर लगभग 5-7 किमी दूर एक तालाब के पास एक सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कोई सुराग भी नहीं था।
शर्मा ने कहा कि जब सैकड़ों लोग आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए थे, तब भी वे बहुत दबाव में थे। इसका नतीजा यह हुआ कि 700 पुलिस जवानें के प्रयासों ने 24 घंटे से भी कम समय में आरोपी को गिरफ्तार कर मामला सुलझा दिया। उन्होंने कहा कि आरोपी लगतातार अपना ठिकाना बदल रहा था, लेकिन उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से स्थानीय निवासियों के साथ तालमेल बिठाया और उसे गिरफ्तार करने में भी मदद मिली।
छत्तीसगढ़ में नहीं थम रहा क्राइम
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश में बढ़ रहे अपराध की घटनाओं को लेकर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पुलिस अपराध पर अंकुश लगाने में नाकाम है और वहीं गृह मंत्री की भूमिका सरकार में मौनी बाबा की हो गई है। राज्य का ऐसा कोई जिला नहीं जहां रोजाना अपराध घटनाएं न हो रही हों। प्रदेश क्राइम कैपिटल बन गया है।
उन्होंने कहा कि रायपुर में पुलिस जवान पर हमला हुआ, जिसे जवान का साहसिक कार्य बताते हुए घटना पर पर्दा डालने की कोशिश सरकार द्वारा की गई। जबकि सत्य है कि इस घटना से प्रदेश की पुलिसिंग को एक तरह से आइना दिखाया है। अपराधियों ने पुलिस के एक अधिकारी पर हमला कर साबित कर दिया है, यहां अपराधियों का राज है। पुलिस तो केवल सत्ताधीशों के इशारों पर मौन बैठी हुई है। पुलिस सिर्फ एफआईआर पुस्तिका भर रही है।