Chhattisgarh Congress Dispute: इस्तीफे की पटकथा ! CM भूपेश को राहुल गांधी का बुलावा, बघेल कल ही लौटे थे दिल्ली से, छत्तीसगढ़ के कई मंत्री और विधायक पहुंच चुके है दरबार
Chhattisgarh Congress Dispute: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खिंचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। कल फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली जाएंगे और कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेंगे। इस बात की जानकारी दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार आदेश अग्रवाल ने ट्वीट कर दी है। इससे पहले 24 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया कि तीन घंटे तक राहुल गांधी के साथ बैठक की थी।
इससे पहले आदेश अग्रवाल ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि आलाकमान अभी भी ढाई ढाई साल के फार्मूले पर कायम है और जल्द ही भूपेश बघेल को स्वेच्छा से मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है दरअसल प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के साथ हुई राहुल गांधी की बैठक के बाद इस फार्मूले की पुष्टि के दावे किए जा रहे हैं।
इस वक़्त की सबसे बड़ी खबर…
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टी एस सिंह देव के साथ हुई बैठक में राहुल गांधी ने ढाई साल के फ़ार्मूले की पुष्टि करी। आलाकमान का मत है कि समझौते के अनुसार भूपेश बघेल स्वेच्छा से टी एस सिंह देव के लिए त्याग पत्र दे दें…
इधर राजधानी रायपुर में भी राजनैतिक सरगर्मिया तेज देखने को मिल रही है प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों के दिल्ली जाने का दौर जारी है गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू 18 से दिल्ली में है, कई मंत्री और विधायक विकास उपाध्याय 12 बजे दिल्ली रवाना हो चुके हैं।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चल रहे विवादों पर सीएम भूपेश बघेल उखड़े नजर आए हैं। उन्होंने कहा कि ढाई-ढाई साल का राग अलापने वाले लोग सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। भूपेश बघेल ने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी ने मुझे जैसे किसान के बेटे को सरकार चलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। यह सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों की है। हमारी सरकार बहुत ही शानदार ढंग से काम कर रही है। मुझे खुशी है कि सोनिया जी और राहुल जी ने ये जिम्मेदारी दी है। उनके आदेश से ही मैं इस पद पर हूं। वे लोग जब कहेंगे, मैं इस पद का त्याग कर दूंगा। इस पर किसी कोई संशय नहीं रहे।
15 साल बाद CHHATTISGARH में दिसंबर 2018 में कांग्रेस सत्ता का स्वाद चखी थी। CM की रेस में कई लोग थे लेकिन प्रबल दावेदार भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव थे। विधानसभा चुनावों के दौरान दोनों की जोड़ी की चर्चा खूब होती थी। दोनों ने चुनावों में जमकर मेहनत की थी। मगर सीएम पद को लेकर दूसरे राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी पेंच फंस गया था। इसके बाद राहुल गांधी के दरबार में यह फैसला हुआ था कि भूपेश बघेल सीएम होंगे। राहुल गांधी ने दोनों को साथ में लेकर तस्वीर ट्वीट किया था।
सूत्र बताते हैं कि सहमति इस बात को लेकर बनी थी कि छत्तीसगढ़ में ढाई साल भूपेश बघेल और ढाई साल टीएस सिंह देव सीएम रहेंगे। जून में भूपेश सरकार के ढाई साल पूरे हो गए हैं। इसके बाद से पार्टी के अंदर विवाद बढ़ता जा रहा है। बाबा यानी टीएस सिंह देव इसे लेकर सीधे कुछ नहीं बोलते हैं लेकिन भूपेश समर्थक यह आरोप लगाते रहते हैं कि वह कामकाज में दखल दे रहे हैं। वह सिर्फ इतना कहते रहे हैं कि जो भी होगा, फैसला हाईकमान ही लेगा।
नहीं बदले जाएंगे CM
वहीं, Rahul Gandhi से मुलाकात के बाद यह संदेश दिया गया है कि छत्तीसगढ़ में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा। मीटिंग के बाद प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा था कि संगठन के विस्तार को लेकर चर्चा हुई है। नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। मगर एक सवाल उठ रहा था कि अगर संगठन विस्तार को लेकर चर्चा थी कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उस मीटिंग में क्यों मौजूद नहीं थे।
ढाई साल बाद जोर पकड़ा विवाद
जून में ढाई साल पूरे होने के बाद से कांग्रेस में बगावत की आग सुलग रही है। मगर बाहर कुछ भी निकलकर नहीं आ रहा था। 25 जुलाई 2021 को कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह की गाड़ी पर हमला हुआ। बृहस्पति सिंह सीएम भूपेश बघेल के खेमे के हैं। पहले उन्होंने कहा कि यह हमला स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के भतीजे ने किया है। रायपुर पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि सीएम बनने के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव मेरी हत्या करवाना चाहते हैं। इसके बाद बृहस्पति सिंह के घर कई विधायक जमा हो गए।
पूरे दिन यह ड्राम चलता रहा। बाद में टीएस सिंह देव का बयान आया कि वह भावनाओं में बहकर ऐसी बात कह गए होंगे। शाम में दोनों की एक तस्वीर भी सामने आई, लगा कि सब कुछ सेटल हो गया है। कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया भी इस दौरान छत्तीसगढ़ में मौजूद थे। सब कुछ जानते हुए वह विवाद के सवालों से कन्नी काटते रहे।