रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) योजना में फ्रॉड की डील की गई है। लोगों से रजिस्ट्रेशन के नाम पर रुपए ऐंठे जा रहे हैं। उन्हें ऐसी स्कीम दी जा रही है कि पहली किश्त मिलने पर रुपये देने होंगे। इसके लिए बकायदा एजेंट भी बनाए गए हैं। इसमें ऐसे लोगों तक का पंजीकरण कराया जा रहा है, जिनके पास खेत तक नहीं हैं और वे नाबालिग हैं। यहां तक कि फार्म में पता भी किसी और जिले का भरवाया गया है। किसानों ने मामले की शिकायत SP से की और उनसे जांच की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक, रायगढ़ ब्लॉक में तरकेला गांव के 25 से अधिक किसान शुक्रवार को SP के पास यह शिकायत लेकर पहुंचे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के नाम पर रैकेट काम कर रहा है। इसके लिए हर गांव में एजेंट बनाए गए हैं। ये एजेंट पहले किसानों से आधार कार्ड, जमीन से जुड़ी जानकारी लेने के बाद एक फार्म भरवाते हैं, उसके बाद यह स्कीम देते हैं कि पहली किश्त खाते में आने पर देनी होगी। किसान योजना में मिले पहली किश्त के 2 हजार रुपए पिछले माह आए हैं। अब उसे देने के लिए उनपर दबाव बनाया जा रहा है।
महिला किसान राजेश्वरी सिदार ने बताया कि गांव के प्रकाश दास महंत, एजेंट के रूप में काम करते हैं। उनका आरोप है कि उसने रैकेट में शामिल होकर गांवों के लोगों से पहले फार्म भरवाया, फिर बाद में पैसे वसूल किए गए।
परिवार के हर सदस्य का कर रहें पंजीकरण
ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी इस संबंध में जूटमिल थाने में उन्होंने शिकायत की थी, किंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोपियों ने परिवार के 18 साल के ऊपर के हर सदस्य का पंजीयन कराया और उनके अंगूठे के निशान भी लिए। बाद में जब चेक किया गया तो पता चला कि उनके पते भी अलग-अलग जिलों के हैं।
राजस्व विभाग करता था रजिस्ट्रेशन, अब मिली कृषि विभाग को जिम्मेदारी
बता दें कि कृषि सम्मान निधि में किसानों का रजिस्ट्रेशन पहले राजस्व विभाग करता था। जब उसमें गड़बड़ी पाई गई तो इसका पंजियन का काम कृषि विभाग को दे दिया गया। अगर कोई इच्छुक किसान योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उन्हें आधार कार्ड, जमीन का रिकॉर्ड, बैंक पासबुक, 2 फोटो के साथ कृषि विस्तार अधिकारी के पास दस्तावेज देना होता है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी इसका सत्यापन करते हैं फिर इसके बाद वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी ऑनलाइन पोर्टल एंट्री के बाद उसे मंजूरी देता है।
अफसर ने कहा- गरियाबंद, महासमुंद और जांजगीर से जुड़े हैं रैकेट के तार
कृषि विभाग के पीएम किसान निधि के नोडल अधिकारी पीके सराफ ने बताया कि इस संबंध में जब पता लगाया गया तो पता चला कि इस रैकेट से जुड़े लोगों ने किसानों का रजिस्ट्रेशन महासमुंद, गरियाबंद, जांजगीर जैसे जिलों में जाकर वहां के कृषि अधिकारियों के साथ मिलकर यह काम किया है। इसलिए तो किसानों का नाम रायगढ़ जिले का बता रहा है, लेकिन रजिस्ट्रेशन दूसरे जिलो के बताए जा रहे हैं। ऐसी ही बात विभाग के पास भी सामने आई है। अब इस मामले में पुलिस जांच करेगी।
जानिए क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तें साल में (कुल 6000 रुपए) दिए जाते हैं। योजना के पात्र लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन कराते थे, किंतु गड़बड़ी सामने आने के पश्चात इसकी जिम्मेदारी कृषि विभाग को दे दी गई। योजना में 4.9 एकड़ से कम भूमि वाले किसान ही पात्र होते हैं। केंद्र सरकार ने छोटे किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए साल 2019 में इस योजना का प्रारंभ किया था।
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