रायपुर। छत्तीसगढ़ में रायपुर बिलासपुर हाईवे पर शनिवार देर रात धरने के लिए आई छात्राओं की एक बस को ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में बस में बैठी एक नर्सिंग छात्रा घायल हो गई। छात्रा अपनी सहेलियों के साथ ऑनलाइल एग्जाम की मांग पर धरना देने नवा रायपुर पहुंची थी। प्राथमिक उपचार के बाद ये लड़कियां वापस बिलासपुर लौट गईं। वहीं, इनकी बहुत से साथी छात्र-छात्राएं रात करीब 1 बजे तक यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर ही धरना देते रहे।
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के सभी नर्सिंग स्टूडेंट ऑनलाइन एग्जाम की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी स्टूडेंट्स शनिवार की दोपहर से ही नवा रायपुर स्थित दीनदयाल यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर जमा हुए थे। प्रबंधन की ओर से कुलपति या कोई भी कर्मचारी छात्राओं से मिलने तक के लिए नहीं आया। फिर, अंत में छात्राएं अपने घरों को वापस लौटने लगीं। यहां तक कि रात हो चुकी थी, बारिश में स्टूडेंट्स पूरी तरह से भीग रहे थे। आसपास के ग्रामीण भी जमा हो गए थे। पुलिस भी छात्राओं के ऊपर हटने का दबाव बना रही थी। लड़कियों के सेफ माहौल को देखते हुए उन्हें यहां से घर ले जाने में भी बाकी के स्टूडेंट ने भलाई समझी, लेकिन जिस यूनिवर्सिटी के ये स्टूडेंट थे वहां के जिम्मेदार अफसरों ने मुलाकात करना तक जरूरी नहीं समझा।
छत्तीसगढ़ के लगभग 22000 नर्सिंग स्टूडेंट्स असमंजस की स्थिति में पड़ गए हैं। सोमवार से ही फर्स्ट इयर की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। विश्वविद्यालय इसे ऑफलाइन मोड पर लेने वाली है। सभी स्टूडेंट ऑनलाइन एग्जाम की मांग कर रहे हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन ऑफलाइन एग्जाम देने की बात पर अडिग है। 6 सितंबर से शुरू हो रही परीक्षाओं के बीच काफी सारे स्टूडेंट आंदोलन की चर्चा भी कर रहे हैं। इस वजह से नर्सिंग के ये छात्र बहुत कंफ्यूज हैं कि वो एग्जाम दें या न दें।
NSUI के नेता भावेश शुक्ला इस आंदोलन में नर्सिंग छात्राओं के साथ ही रहे। भावेश ने कहा कि पिछले 16 अगस्त की तारीख को परीक्षा की तारीख तय की गई थी। प्रैक्टिकल एग्जाम भी हुए। लेकिन ऑफलाइन मोड में ली जा रही परीक्षा को पर्चा लीक होने की बात कहकर रद्द कर दिया गया। स्टूडेंट्स ने कहा कि इससे पहले भी कोविड की वजह से एग्जाम नहीं हो सका था। करीब 1 साल की देरी से जैसे-तैसे शुरू हुई परीक्षा भी कैंसल हो गई थी। यहां तक कि नर्सिंग के स्टूडेंट्स ने कोविड के दौरान भी काम किया। साल भर हमारी पढ़ाई प्रभावित रही थी। इसके बाद दो से तीन महीने में ही ऑनलाइन तरीके से कोर्स पूरा कराने की खानापूर्ति कर दी गई। अब हम सब यह चाहते हैं कि जब पढ़ाई ऑनलाइन हुई तो परीक्षा भी ऑनलाइन ही होनी चाहिए। अगर परीक्षा ऑनलाइन मोड में होती है तो स्टूडेंट्स को पेपर लिखने का भी अधिक समय मिलेगा।
छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी ने भी ऑनलाइन परीक्षा लेने की घोषणा कर दी है। अब ऐसे में सभी नर्सिंग स्टूडेंट चाहते हैं कि उनकी भी परीक्षा ऑनलाइन ही हो। छात्रों ने कहा कि हमें बेहतर तरीके से तैयारी करने का भी समय नहीं मिला है। यूनिवर्सिटी की गलतियों की वजह से पेपर लीक हुआ और हमारी परीक्षा कैंसल कर दी गई। इस वजह से अब यूनिवर्सिटी को ऑफलाइन एग्जाम लेकर उन्हें थोड़ी राहत देनी चाहिए।