छत्तीसगढ़ के जशपुर के छात्रावास में मूक-बधिक बच्चियों के साथ दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न की घटना ने हर किसी को झकझोर दिया है। जिसके बाद सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाया है। सीएम भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को छात्रावासों के अचानक निरीक्षण का निर्देश दिया है। इन अधिकारियों को छात्रावास में रहने वाले बच्चों से बातचीत कर संचालित गतिविधियों से संबंधित फीडबैक सरकार को भेजना होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को शासकीय छात्रावासों के निरीक्षण के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सहित अन्य वरिष्ठ जिला स्तरीय अधिकारियों को तैनात करने को कहा है। सीएम ने कहा, निरीक्षण में अगर छात्रावास का कोई अधिकारी-कर्मचारी लापरवाह मिलता है अथवा अनैतिक गतिविधियों में शामिल मिलता है तो सम्बन्धित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ निलंबन और FIR की कार्रवाई की जाए।
बीते दिनों जशपुर के समर्थ दिव्यांग केंद्र में 22 सितंबर की रात करीब 11 बजे शराब के नशे में धुत केयर टेकर राजेश राम और चौकीदार नरेंद्र भगत ने मूक-बधिर बच्चों से मारपीट और अश्लील हरकतें की। उनके कपड़े फाड़ दिए। बच्चे जान बचाने के लिए नग्न हालत में कैंपस में भागते रहे। आरोप है कि चौकीदार ने 15 साल की एक बच्ची से दुष्कर्म किया। जबकि 5 बच्चियों से यौन उत्पीड़न किया गया।
मामला दर्ज हुआ और पुलिस ने आरोपी केयर टेकर और चौकीदार को गिरफ्तार कर लिया। सरकार ने 3 दिन बाद केंद्र के अधीक्षक संजय राम को निलंबित कर दिया। सामने आया कि इस केंद्र में अधीक्षक रात में नहीं रहते थे। अफसरों ने कई दिनों से छात्रावास की ओर झांका तक नहीं था। इसकी वजह से चौकीदार और केयर टेकर इस घिनौनी हरकत को अंजाम दे पाए।
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