गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के विनोद निर्मलकर ने 12वीं में 85 प्रतिशत अंक हासिल किए। उसकी इच्छा है कि वह आगे पढ़े। मगर कॉलेज में उसका एडमिशन सिर्फ इसलिए नहीं हो सका क्योंकि उसके हाथ में एक उंगली कम है। इससे उसका आधार कार्ड नहीं बन पाया। असल में, आधार कार्ड बनवाने के लिए आंखों और सभी उंगलियों की स्कैनिंग आवश्यक हैं। कॉलेज में ऑनलाइन एडमिशन में आधार कार्ड अनिवार्य है। ऐसे में, अब विनोद अपने पिता बंसी निर्मलकर के साथ कपड़े प्रेस करने करने को मजबूर हो गया है।
विनोद अमलीपदर का रहने वाला है। जन्म से ही उसके दाएं हाथ में एक उंगली नहीं है। वह बचपन से पढ़ाई में होशियार है, तो परिजनों ने भी उसकी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब 12वीं के बाद सिस्टम आड़े आ गया। कॉलेज में दाखिले के लिए आधार नंबर चाहिए, मगर विनोद का आधार कार्ड नहीं बना है। जब वह आधार कार्ड बनवाने के लिए चॉइस सेंटर पहुंचा तो एक उंगली कम होने के कारण उसे वापस लौटा दिया गया। सेंटर वालों ने उससे कहा कि मशीन हाथ स्कैन नहीं कर रही। एरर आ रहा है।
पुश्तैनी काम में बंटा रहा पिता का हाथ
विनोद ने बताया कि कॉलेज में एडमिशन ऑनलाइन हो रहा है। इसके लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन उसके हाथ की एक उंगली नहीं होने की वजह से आधार कार्ड नहीं बन पाया। तो ऐसे में वह अब हताश हो गया है। वह कहता है कि आगे पढ़ना चाहता हूं, मगर पढ़ नहीं पा रहा हूं। अब पिता के साथ ही कपड़ों में प्रेस करने के पुश्तैनी काम में उनका हाथ बंटा रहा हूं। विनोद ने बताया कि उसने आधार कार्ड बनवाने का और भी तरीका पूछा, मगर च्वाइस सेंटर वाले नहीं बता पाए। पिता भी बेटे की पढ़ाई बीच में ही छूट जाने से बहुत परेशान हैं।
आधार नहीं होने की वजह से नहीं बना राशन कार्ड
आधार कार्ड नहीं होने की वजह से विनोद का नाम राशन कार्ड में भी नहीं जोड़ा जा सका। जबकि, छत्तीसगढ़ में तमाम योजनाओं का लाभ राशन कार्ड के आधार पर ही दिया जाता है। वहीं, आधार कार्ड के मुद्दे को लेकर मैनपुर के SDM सूरज साहू कहते हैं कि इस मामले की जानकारी आप से मिल रही है। आधार कार्ड से कोई भी वंचित नहीं रह सकता। ऐसे लोगों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट के माध्यम से आधार कार्ड बनाने का प्रावधान है। स्थानीय अमले को निर्देशित करने के बाद छात्र को जिला अस्पताल लाया जाएगा। यहां के सर्टिफिकेट के आधार पर उसका जल्द ही आधार कार्ड बनवाया जाएगा।
Back to top button