अंबिकापुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में 4 घंटों के भीतर 4 नवजातों की मौत से हड़कंप मच गया। शनिवार की सुबह 3.30 बजे से लेकर 6.45 बजे तक मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच भवन स्थित एसएनसीयू में भर्ती 4 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। बच्चों की मौत होने से परिजन आक्रोशित हो गए। परिजनों ने सुबह एमसीएच के सामने स्थित मुख्य सड़क पर चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। लगभग 2 घंटे से ज्यादा समय तक चक्काजाम रहा।
16 अक्टूबर की सुबह 4 घंटे के अंदर 4 नवजात बच्चों की मौत हो जाने से अस्पताल में मौजूद परिजन आक्रोशित हो गए। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में सही समय पर इलाज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। स्टाफ नर्स से बात करने पर सही से जवाब तक नहीं देते हैं। आवश्यकता पडऩे पर मरीज के परिजन स्टाफ नर्स के पास समस्या लेकर जाते हैं तो उन्हें भगा दिया जाता है, साथ ही गुस्से में कहतीं हैं कि अगर सुविधाजनक उपचार चाहिए था तो सरकारी अस्पताल में क्यों लाए थे। इस तरह के दुव्र्यवहार से परिजन नाराज थे और बच्चों की मौत के बाद अस्पताल के सामने चक्काजाम कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि एसएनसीयू में ड्यूटी कर रही स्टाफ नर्सें बात नहीं सुनतीं हैं। एक परिजन ने आरोप लगाया है कि मेरा बच्चा एसएनसीयू में भर्ती था। उसे मां का दूध पिलाने के लिए कहा गया था। मां का दूध ले जाकर एसएनसीयू की स्टाफ नर्स को दिया गया था पर दूसरे दिन भी दूध जस का तस था। पूछे जाने पर स्टाफ नर्स द्वारा कहा गया कि पाउडर दूध बच्चे को पिला दिया गया है।
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित एमसीएच भवन में काफी अव्यवस्था का आलम है। पीने के पानी से लेकर शौचालय तक की परेशानी बनी हुई है। ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं होने के कारण शौचालय आए दिन जाम रहता है। इसका खामियाजा मरीज व उनके परिजनों को भुगतना पड़ता है। मासूमों की मौत के बाद परिजनों ने लगभग 2 घंटे से ज्यादा समय तक चक्काजाम किया। परिजन स्वास्थ्य मंत्री को बुलाने को बात पर अड़े हुए थे।
सूचना पर सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल प्रसाद व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेके रेलवानी ने अस्पताल पहुंचकर परिजनों को समझाइश दी और अस्पताल में व्याप्त समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने का आश्वासन दिया। आश्वासन के बाद परिजन चक्काजाम को समाप्त किया। हालांकि नवजात की मौत के मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जेके रेलवानी का कहना है कि सभी बच्चे प्री-मेच्योर थे।
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