जांजगीर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में एक व्यक्ति ने अपनी मां को एक लाख रुपए भेजने के लिए फोन-पे किया। लेकिन पैसे दूसरे के खाते में ट्रांसफर हो गए। इसपर उसने बैंक जाकर मामले की शिकायत की मगर बैंक ने भी समय पर पैसा नहीं लौटाया। मामला अब उपभोक्ता फोरम तक पहुंच चुका है। उपभोक्ता फोरम ने बैंक को ब्याज के साथ पैसा लौटाने के लिए कहा है।
जानकारी के अनुसार, शख्स का नाम चंद्रिका प्रसाद लहरे है जो कि मालखरौदा क्षेत्र के आमनदूला गांव का निवासी है। उसका खाता भारतीय स्टेट बैंक के शक्ति शाखा में है। चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि 21 अक्टूबर 2020 को उन्होंने फोन-पे के जरिए अपनी मां फूलमती के खाते में एक लाख रुपए ट्रांसफर किया था। लेकिन वह पैसा उनकी मां के खाते में ट्रांसफर ही नहीं हुआ। चंद्रिका को उनकी मां ने ही इस बात की जानकारी दी थी।
खाते को किया गया होल्ड
जब चंद्रिका को यह पता चला कि यह पैसा सबीना खातून नाम की महिला के खाते में ट्रांसफर हो गया है तो इस पर चंद्रिका शिकायत लेकर बैंक गए। बैंक जाकर उन्होंने पूरे मामले की जानकारी दी। फिर बैंक ने सबीना खातून का खाता होल्ड कर दिया। चंद्रिका से बैंकवालों ने कहा कि आपके पैसे भी मिल जाएंगे।
चंद्रिका इसके बाद बार-बार बैंक के चक्कर लगाते रहे, किंतु उनके खाते में पैसे नहीं आए। चंद्रिका ने कहा कि उन्होंने कई बार बैंक अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। लेकिन बात नहीं बनी और उनका पैसा भी वापस नहीं लौटा। आखिर में परेशान होकर उन्होंने मामले की शिकायत उपभोक्ता फोरम में कर दी। इसके बाद उपभोक्ता फोरम ने मामले की सुनवाई की।
फोरम ने कहा- 45 दिन के अंदर पैसे दें
उपभोक्ता फोरम ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद यह पाया कि एसबीआई ने ग्राहकों के सेवा में कमी की है और उपभोक्ता के खाते में पैसे ट्रांसफर नहीं हुए हैं। आयोग ने बैंक को यह निर्देश दिया कि उपभोक्ता को 45 दिन के भीतर 1 लाख रुपए दें। इसके साथ ही उन्हें 6 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता को 3 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति और एक हजार रुपए वाद व्याय के तौर पर देना होगा।
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