रायपुर। जांच आयोग ने झीरम घाटी नक्सल हमले की रिपोर्ट शनिवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके को सौंप दी। जांच आयोग ने गवर्नर को 10 वॉल्यूम और 4184 पेज का रिपोर्ट सौंप दी है।
जांच आयोग के सचिव और HC के न्यायिक रजिस्ट्रार संतोष कुमार तिवारी राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर रिपोर्ट सौंपी है। 25 मई 2013 को झीरम में कई बड़े कांग्रेसी नेता माओवादी के हाथों शहीद हो गए थे। 28 मई 2013 को जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया गया था।
बता दें कि 25 मई 2013 को दिग्गज कांग्रेस नेता परिवर्तन यात्रा के काफिले को लेकर सुकमा से वापस लौट रहे थे। उस दौरान माओवादी एक बड़े घटनाक्रम को अंजाम देने के लिए बड़ी संख्या में झीरम घाटी में घात लगाकर बैठे हुए थे। फिर जैसे ही कांग्रेस का काफिला दरभा के झीरम घाटी में पहुंचा उसी दौरान माओवादियों ने उनपर हमला कर दिया। इस हमले में सुरक्षा जवान और आम लोग समेत करीब 32 लोगों को मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि साल 2013 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव होने वाले थे। इसके मद्देनजर कांग्रेस ने पूरे राज्य में परिवर्तन यात्रा निकालने की तैयारी की थी, जिसकी शुरुआत 25 मई के दिन सुकमा से की गई थी। कहा जाता है कि सुकमा में रैली खत्म होने के बाद कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा से जगदलपुर लौट रहा था। काफिले में करीब 25 गाड़ियां थी। नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, कवासी लखमा, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता इस काफिले में शामिल थे।
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस नेताओं का काफिला झीरम घाटी से गुजर रहा था। इसी दौरान नक्सलियों ने रास्ता बंद कर दिया। घात लगाए बैठे नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी। इसमें नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा शहीद हो गए थे। घटना में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल गंभीर रूप से घायल हो गए थे, बाद में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था।
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