Chhattisgarh naxalism:
सुकमा। छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला हमेशा से नक्सली प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है और इन्हीं कारणों की वजह से यहां के कई क्षेत्र आज भी विकास कार्यों से कोसों दूर है। यदि यहां की सड़क पानी बिजली जैसी सुविधाओं की तो वह भी यहां लोगों को उपलब्ध नहीं है। ऐसा ही एक क्षेत्र सुकमा का बंडा ग्राम का पंचायत गांव उसक्वाया है जो पूरी तरह से नक्सलियों(Chhattisgarh naxalism) से घिरा है।
इस गांव में लोगों को आम सुविधाएं भी प्राप्त नहीं हो पाई है। अब ग्रामीण इन्हीं जरूरतों को पूरा करने और अपने गांव में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल जैसी सुविधाओं को पूरा करने की मांग को लेकर अफसरों तक पहुंचे।
उसक्वाया गांव ऐसी जगह है जो शहर या आम लोगों के संपर्क से काफी दूर रहा है इसीलिए यहां के लोग शहरी लोगों से कटे और डरे हुए रहते हैं। यहां तक कि उन्हें अफसर क्या होते हैं यह भी नहीं पता था पर अब इस गांव के युवा,महिला और बुजुर्गो ने अपनी जरूरतों की मांग सबके सामने रखी हैं।
क्या है ग्रामीणों की मांग
ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर तहसील ऑफिस पहुंचे थे और एसडीएम तथा तहसीलदार से मुलाकात करना चाहते थे पर दोनों ही अफसरों के ऑफिस में ना होने से उन्होंने क्लर्क को ही कलेक्टर के नाम का आवेदन दिया। जिसमें बिजली-सड़क-पानी स्कूल अस्पताल जैसी सारी सुविधाओं को पूरा करने की बात कही गई थी।
किस तरह की दिक्कतों का करना पड़ रहा सामना
गांव के लोगों का कहना है कि उनके गांव में बिजली नहीं है जिससे दिक्कतें होती है साथ ही तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए किसी अस्पताल की भी सुविधा नहीं है इन्हीं सारी समस्याओं का निराकरण व ग्रामीण चाहते हैं।
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