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Inspiring News:सम्मानजनक जिंदगी के लिए तृतीय लिंग समुदाय की कोशिश, चाय कॉर्नर खोलकर की नई शुरूआत

समाज में सम्मान हासिल करने के लिए तृतीय लिंग समुदाय अब अपने पैरों पर खड़ा हो रहा है। खुद को स्वरोजगार से जोड़ने का ऐसा ही एक प्रयास भिलाई की कंचन और चाँद ने किया है और नाम दिया है “उड़ान”। भिलाई के प्रियदर्शनी परिसर में कंचन और चांद द्वारा शुरू की गई उड़ान महज एक चाय की दुकान नहीं है। बल्कि यह एक सम्मानजनक जीवन जीने की एक कोशिश है।  Inspiring News

कंचन और चांद ने भिलाई के प्रियदर्शनी परिसर ईस्ट में मौजूद प्रयास स्कूल के सामने उड़ान चाय कार्नर की शुरुआत की है। इनका लक्ष्य अपने समुदाय के लोगों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने का है।

लिंग छुपकर नौकरी करने की रखी गयी शर्त

उड़ान चाय कार्नर की संचालक कंचन ने बताया कि वह पहले एक अख़बार में काम करती थी। लेकिन यह नौकरी लिंग छिपा कर रखने की शर्त पर दी गयी थी। अंततः इन्होंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद शहर के जाने-माने कॉलेज में मेस संचालन का कार्य शुरू किया। शुरुआत के 6 महीने तक सब ठीक रहा। लेकिन उसके बाद कुछ छात्रों का समूह था जिनका मानना यह था कि यदि हम इनके हाथ से बनाया भोजन करेंगे तो भविष्य में हमारे बच्चे इसी समुदाय के पैदा होंगे। आखिर में इन्हे इस काम से भी हाथ धोना पड़ा।

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हम भी उड़ना चाहते हैं

कंचन ने बताया कि चाय कार्नर का नाम उड़ान रखने के पीछे की वजह यह है कि हम भी उड़ना चाहते हैं। समाज को यह बताना चाहते हैं कि हमारा काम केवल तालियां बजाना नहीं है। हम केवल भीख मांगने, वैश्यवृत्ति जैसे कामों के लिए नहीं हैं। हम खुद की मेहनत से स्वरोजगार के जरिए समाज से कंधे से कंधा मिलाकर चल सकते हैं।  Inspiring News

उड़ान बदल रहा लोगों की सोच

कंचन ने बताया कि समाज में जहां एक वर्ग उन्हें हीन भावना से देखता है। तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने स्वरोजगार स्थापित करने में उनकी काफी सहायता की। किसी ने शुरुआत में चाय की मशीन दी तो किसी ने स्टॉल में सहायता की। शुरुआत में ग्राहकों की संख्या कम थी। लेकिन अब समय के साथ लोगों की सोच में परिवर्तन आ रहा है। ज्यादा से ज्यादा लोग उनके स्टॉल पर जा रहे हैं।

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