रायपुर| आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहा कि कौशल विकास योजना के तहत छत्तीसगढ़ के युवाओं को जापानी भाषा सिखाया जाए। इसके लिए सभी जिलों के कलेक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी जाए।
उन्होंने कहा कि इण्डो-जापान फाउंडेशन द्वारा एमओयू किया गया है। जिसका उद्योग विभाग नोडल विभाग है। एमओयू का उद्देश्य कौशल विकास योजना के तहत जापानी भाषा का अध्ययन कराना है, जिससे स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार से जोड़ा जा सके। बैठक में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री भगत ने कोविड-19 में प्रवासी मजदूरों के व्यवस्थापन एवं जीविकोपार्जन के लिए विशेष प्रयास किए जाने पर बल दिया। मंत्री भगत ने इसके लिए विशेष कार्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास करने कहा। उन्होंने कहा कि इसमें नवाचार को शामिल किया जाना चाहिए। मंत्री भगत ने कहा कि नवाचार, एमओयू आदि के कार्याें की समीक्षा हर तीन माह में की जाएगी। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2021-22 के बजट में नवाचार के लिए 2 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।
यूनिसेफ के सहयोग से 17 गोल पर काम किया जा रहा है। राज्य योजना आयोग द्वारा यूएनडीपी के सहयोग से किए जा रहे कार्याें के बारे में बताया कि राज्य के नौ विकासखण्डों का चयन कर लेबर रिसोर्स सेंटर विकसित किया जा रहा है। जिसमें प्रवासी मजदूरों के डाटा संकलन, स्किल मैपिंग तथा स्थानीय उद्योगों के अनुकूल मानव संसाधन तैयार कर उद्योगों से लिंकेज करने का कार्य किया जा रहा है।
राज्य योजना आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 में राज्य के विश्वविद्यालयों से एमओयू किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में उपलब्ध मानव संसाधन का उपयोग राज्य के सर्वांगीण विकास में कैसे किया जा सकता है। मंत्री भगत ने इसकी लगातार बैठक कर समीक्षा करने तथा प्रदेश के युवाओं को राज्य की योजनाओं के बारे में जानकारी देने को कहा। सतत विकास लक्ष्य में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की समय-सीमा वर्ष 2015 से 2030 तक तय किया गया है।