छत्तीसगढ़

भावेश वर्मा बने एग्रीविजन के राष्ट्रीय सह संयोजक, प्रमोद पटेल छ.ग. प्रदेश संयोजक बनाए गए

रायपुर : एग्रीविजन के 8वें राष्ट्रीय सम्मेलन 20-21 जुलाई को दिल्ली में आयोजित हुई. ‘विकसित भारत में कृषि का योगदान: विजन-2047’ विषय पर सभा सम्पन्न हुई. एग्रीविजन के 8वें राष्ट्रीय सम्मेलन में अभाविप एग्रीविजन के नवीन दायित्ववान कार्यकर्ता का घोषणा भी किया गया जिसमें भावेश वर्मा को राष्ट्रीय सह संयोजक एवं प्रमोद पटेल को छत्तीसगढ़ प्रदेश संयोजक का दायित्व दिया गया है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा एग्रीविजन के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय सह संयोजक श्री भावेश वर्मा एवम प्रदेश संयोजक श्री प्रमोद पटेल को बनाए जाने पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय पर कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया.

एग्रीविज़न क्या है

एग्रीविजन, अपनी स्थापना वर्ष 2015 से लगातार कृषि विज्ञान के छात्रों – को पशु चिकित्सा, डेयरी, बागवानी, गृहविज्ञान, सेरीकल्चर, मत्स्यपालन, वानिकी, और अन्य संबंधित विषयों में बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से कार्यरत है. एग्रीविजन, कृषि एवं कृषक समुदाय से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े हुए लोगो के जीवनस्तर में सुधार के लिए निरंतर – प्रयासरत है. अपनी स्थापना के पश्चात एग्रीविजन द्वारा विभन्न विषयों पर क्षेत्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों के आयोजन किये जा रहे है, जो देश की जरुरतों के बहुत अनुकूल और यथार्थवादी है. एग्रीविजन के द्वारा समय-समय पर नीतियाँ बनाने वाली विभिन्न संस्थाओं जैसे भा.कृ.अनु.प. एवं कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के समक्ष मांगें प्रस्तुत की गई है, जैसे कृषि को एक पेशेवर डिग्री कोर्स के रुप में मान्यता देना परिषद द्वारा सहजता से स्वीकार किया गया था. कृषि शिक्षा और अनुसंधान को स्थायी तरीके से मजबूत करने के लिए कृषि शिक्षा और अनुसंधान में विभिन्न नीतियों में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया.

एग्रीविजन के द्वारा माननीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री को दस सूत्रीय एजेंडा प्रस्तुत किया गया था, जिसमें भारतीय कृषि सेवा का गठन, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में अनिवार्य कृषि पाठ्यक्रम, कृषि विश्वविद्यालयों में सभी रिक्त पदों की भर्ती के साथ-साथ एक समान शिक्षण शुल्क लागू करना आदि शामिल है. एग्रीविजन जो कि एक सामाजिक मंच है जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि-स्नातकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के साथ-साथ हमारी मातृभूमि के किसानों की सम्मानजनक स्थिति को वापस लाना है.

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